आजकल भारतीय शेयर बाजार अपने उच्चतम स्तर पर है। भारत के शेयर बाजार में जिन्होंने पैसा लगाया है, वे आज भारी मुनाफे में चल रहे हैं। सवाल उठता है कि क्या अनिवासी भारतीय (NRI) भी भारत के बढ़ते बाजार का फायदा उठा सकते हैं। इसका उत्तर हां है। अनिवासी भारतीय भी भारत के शेयर बाजार में निवेश कर मुनाफा कमा सकते हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें कुछ शर्तों को पूरा करना होता है।
प्रत्येक भारतीय विदेशी निवेशक को भारतीय शेयरों में निवेश करने के लिए कुछ मानदंडों को पूरा करना होगा। सबसे पहले, चाहे वह भारतीय हो या अनिवासी भारतीय प्रत्येक निवेशक के लिए डीमैट और ट्रेडिंग खाते खोलना अनिवार्य है। हालांकि एनआरआई के लिए डीमैट खाता खोलना थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसके अलावा उन्हें विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) की तरफ से तय दिशा-निर्देशों का पालन करने की भी आवश्यकता है।
Portfolio Investment Scheme (PIS) is an account that can be opened by NRIs to buy and sell shares, debentures, and bonds issued by PSUs in the Indian stock market. NRIs can apply for IPOs through the PIS as well. It is a scheme initiated by RBI.#Investment #Financial #nri pic.twitter.com/HKtEiUQ7sk
— wiseNRI.com (@wiseNRI) February 23, 2022
डीमैट खाता खोलने से पहले एक एनआरआई को यह समझना चाहिए कि उन्हें भारत में स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों और बॉन्ड में कुछ आधार पर निवेश की अनुमति है। इनमें है प्रत्यावर्तन के आधार पर निवेश। इसका मतलब है कि प्रतिभूतियों की बिक्री से प्राप्त आय और निवेश से मिले लाभ को भारत के बाहर भेजा जा जा सकता है। एनआरआई को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा अनुमोदित बैंकिंग संस्थान के साथ एक एनआरई बचत खाता खोलना होगा।
एनआरआई को पोर्टफोलियो निवेश योजना या PIS के माध्यम से भारत में निवेश करने की अनुमति है। यह एक ऐसी योजना जो उन्हें अपने एनआरई बचत खाते के माध्यम से मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों के शेयरों को खरीदने और बेचने में सक्षम बनाती है। प्रत्येक अधिकृत डीलर बैंक की कुछ शाखाएं ही एनआरआई की ओर से PIS के तहत कारोबार कर सकती हैं। इस खाते को स्टॉक ट्रेडिंग के लिए एनआरआई निवेशक के डीमैट और ट्रेडिंग खातों के साथ जोड़ा जाता है। इसके तहत खाताधारकों के पास निवेश के जो विकल्प होते हैं उनमें स्टॉक, बॉन्ड, एनसीडी आदि शामिल हैं।
अब बात करते हैं गैर-प्रत्यावर्तनीय आधार की। इसमें निवेश के मामले में भारत के बाहर धन भेजने पर प्रतिबंध हैं। एनआरआई निवेशकों को आरबीआई द्वारा अनुमोदित बैंक के साथ NRO बचत खाता खोलना होगा। निवेश को एनआरओ बैंक खाते से जुड़े डीमैट खाते में बनाए रखने की आवश्यकता होती है। अनिवासी भारतीयों को आरबीआई से PIS अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। वे व्यापार और निवेश शुरू करने के लिए सीधे ब्रोकर से संपर्क कर सकते हैं। यह उन्हें स्टॉक, आईपीओ, बॉन्ड और कर्मचारी स्टॉक स्वामित्व योजना में निवेश करने की अनुमति देता है। म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए वे बस अपने एनआरई या एनआरओ बचत खातों का उपयोग कर सकते हैं। इनमें निवेश शुरू करने के लिए केवाईसी का वेरिफिकेशन जरूरी है।
इसके अलावा अनिवासी भारतीयों को भी कैपिटल गेन टैक्स का भुगतान करना होगा। एनआरआई डीमैट या ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए कई दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। इनमें पैन कार्ड, पासपोर्ट, OCI (ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया)/PIO (भारतीय मूल के व्यक्ति), विदेशी और भारतीय पते का प्रमाण, एनआरई/एनआरओ बचत खाते का एक कैंसल चेक और पासपोर्ट साइज फोटो की प्रतियां शामिल हैं। सभी दस्तावेजों को भारतीय दूतावास/वाणिज्य दूतावास द्वारा वैरिफाइड किया जाना जरूरी है।
#IndianDiaspora #Diaspora #Indian #NewIndiaAbroad #IndiaAbroad #NRI #investment #stockexchangeindia #sharemarket