विदेशी व्यापारियों के लिए भारत को सुखद बनाने के मोदी सरकार के प्रयास जारी हैं, लेकिन इन प्रयासों के बावजूद अप्रैल से दिसंबर 2021 के दौरान भारत में कुल 60.3 बिलियन अमरीकी डॉलर (4 लाख 55 हजार करोड़ रुपये) का एफडीआई यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है जो 2020-21 की समान अवधि की तुलना में 10.6 फीसदी कम है। इस समान अवधि में 2020-21 के बीच 67.5 बिलियन अमरीकी डॉलर (5 लाख 9 हजार करोड़ रुपये) का एफडीआई भारत में आया था।
वित्त वर्ष 2021-22 की अप्रैल से दिसंबर की अवधि के दौरान एफडीआई के माध्यम से इक्विटी प्रवाह 43.1 बिलियन अमरीकी डॉलर (3 लाख 25 हजार करोड़ रुपये) देखने को मिला जो वित्त वर्ष 2020-21 में प्राप्त 51.4 बिलियन अमरीकी डॉलर (3 लाख 87 हजार करोड़ रुपये) की तुलना में 16 फीसदी कम रहा। भारत में विनिर्माण, कंप्यूटर सेवाएं, संचार सेवाएं, खुदरा और थोक व्यापार, शिक्षा और अनुसंधान ऐसे क्षेत्र हैं जिसमें सबसे अधिक एफडीआई के माध्यम से इक्विटी प्रवाह 10.25 बिलियन अमरीकी (77 हजार करोड़ रुपये) डॉलर देखने को मिला है। इसमें कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर क्षेत्र है जहां सबसे अधिक निवेश आया है।