दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार तेजी से उभर रहा है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। लेकिन ई-वाहनों की फर्राटेदार बिक्री शुरू होने की राह में एक बड़ा रोड़ा है इसकी बैटरी। अभी जो बैटरी हैं, वो भारी हैं। ज्यादा दूरी तक नहीं चल पातीं। उन्हें जल्दी-जल्दी रिचार्ज करना पड़ता है। रीचार्ज करने के लिए देश में अभी चार्जिंग पॉइंट्स पर्याप्त संख्या में नहीं हैं। लेकिन अब इन समस्याओं का अंत हो सकता है।
दरअसल भारत और इज़राइल की अग्रणी कंपनियों ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अत्याधुनिक एल्युमिनियम-एयर बैटरी बनाने के मकसद से हाथ मिलाया है। आत्मनिर्भर अभियान के तहत इस पहल से इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलाव किए बिना ही ड्राइविंग रेंज बढ़ाने और बैटरी का आयात घटाने में काफी मदद मिलेगी।