भारत से निकलने वाली ग्रीन हाउस गैसों और वायु प्रदूषण में डीजल से चलने वाले मालवाहक ट्रकों की बड़ी भूमिका है। एक तरफ देश ऐसी नीतियों को आगे बढ़ा रहा है जो सार्वजनिक परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करती हैं वहीं माल ढोने वाले ट्रक जैसे बड़े वाहन अ भी डीजल जैसे परंपरागत ईंधन से चलने को मजबूर हैं क्योंकि इन्हें इलेक्ट्रिक बनाने के लिए बहुत भारी और महंगी बैटरियां की जरूरत होगी।
डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी की लॉरेंस बर्कले नेशनल लेबोरेटरी और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लॉस एंजिलिस की ओर से किए गए एक हालिया अध्ययन के अनुसार बैटरी टेक्नोलॉजी में प्रगति और हाल के वर्षों में बैटरी की लागत में नाटकीय रूप से आई कमी से ये स्थिति बदल सकती है। सही नीतियां और प्रोत्साहन के साथ काम किया जाए तो बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक ट्रक डीजल ट्रकों की तुलना में अधिक किफायती साबित हो सकते हैं।