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भारत की तस्वीर बदल सकते हैं इलेक्ट्रिक ट्रक, मोटे मुनाफे के साथ होंगे ये फायदे

माना जा रहा है कि भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में वैश्विक नेता की भूमिका में आ सकता है। इससे उसे आयातित तेल पर निर्भरता घटाने, वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने और साल 2070 तक शून्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी।

Photo by Seb Creativo / Unsplash

भारत से निकलने वाली ग्रीन हाउस गैसों और वायु प्रदूषण में डीजल से चलने वाले मालवाहक ट्रकों की बड़ी भूमिका है। एक तरफ देश ऐसी नीतियों को आगे बढ़ा रहा है जो सार्वजनिक परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करती हैं वहीं माल ढोने वाले ट्रक जैसे बड़े वाहन अ भी डीजल जैसे परंपरागत ईंधन से चलने को मजबूर हैं क्योंकि इन्हें इलेक्ट्रिक बनाने के लिए बहुत भारी और महंगी बैटरियां की जरूरत होगी।

भारत के ट्रांसपोर्ट सेक्टर में इस्तेमाल होने वाले कुल पेट्रोलियम का करीब 60 प्रतिशत हिस्सा मालवाहक ट्रक पी जाते हैं।

डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी की लॉरेंस बर्कले नेशनल लेबोरेटरी और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लॉस एंजिलिस की ओर से किए गए एक हालिया अध्ययन के अनुसार बैटरी टेक्नोलॉजी में प्रगति और हाल के वर्षों में बैटरी की लागत में नाटकीय रूप से आई कमी से ये स्थिति बदल सकती है। सही नीतियां और प्रोत्साहन के साथ काम किया जाए तो बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक ट्रक डीजल ट्रकों की तुलना में अधिक किफायती साबित हो सकते हैं।

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