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टॉप-100 यूनिकॉर्न में इतने भारतीय स्टार्टअप, इस मामले में चीन से भी आगे

रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2022 के अंत में 22 अरब डॉलर मूल्य के साथ एडटेक प्लेटफॉर्म BYJU's भारत का सबसे अधिक वैल्यू वाला स्टार्टअप है। चीन का ByteDance 140 अरब डॉलर के साथ दुनिया का सबसे मूल्यवान यूनिकॉर्न है।

भारत में 2022 में 23 कंपनियों को यूनिकॉर्न का दर्जा मिला। सांकेतिक Photo by Firosnv. Photography / Unsplash

दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप सिस्टम भारत में मौजूद है। दुनिया के शीर्ष 100 यूनिकॉर्न में से 6 भारत में हैं। क्रेडिट सुइस रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक शीर्ष 100 यूनिकॉर्न की सूची में शामिल होने वाले 6 भारतीय स्टार्टअप्स में BYJU’s, Swiggy, OYO Rooms, Dream11, Razorpay और Ola Cabs शामिल हैं।

भारत में 2022 में 23 कंपनियों को यूनिकॉर्न का दर्जा मिला। सांकेतिक फोटो Proxyclick Visitor Management System / Unsplash

रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2022 के अंत में 22 अरब डॉलर मूल्य के साथ एडटेक प्लेटफॉर्म BYJU's भारत का सबसे अधिक वैल्यू वाला स्टार्टअप है और दुनिया में इसका 12वां स्थान है। इसके अलावा फूडटेक प्लेटफॉर्म Swiggy की वैल्यू 10.7 अरब डॉलर, OYO Rooms की 9 अरब डॉलर, ऑनलाइन गेमिंग Dream11 की वैल्यू 8 अरब डॉलर आंकी गई है।

रिपोर्ट में भारतीय पेमेंट गेटवे Razorpay और Ola दोनों की वैल्यू 7.5 अरब डॉलर बताई गई है। रिपोर्ट से पता चलता है कि चीन का ByteDance 140 अरब डॉलर के साथ दुनिया का सबसे मूल्यवान यूनिकॉर्न है। इसके बाद एलन मस्क के SpaceX, SHEIN, Stripe, Canva, Checkout.com और Revolut का नंबर है।

वैश्विक बैंकर ने 'फैमिली 1000' रिपोर्ट भी जारी की है। इसमें बताया गयै है कि एशिया पैसिफिक पूर्व जापान में परिवार के स्वामित्व वाली कंपनियों ने इस अवधि में प्रति वर्ष 330 आधार अंकों का अतिरिक्त रिटर्न दर्ज किया। इसके अलावा एशिया प्रशांत क्षेत्र में कुछ सबसे बड़े और सबसे पुराने परिवारिक कंपनियों में Samsung, RIL, TCS, SoftBank, Bharti Airtel और Bajaj Finance शामिल हैं।

लिस्ट में चीन का स्टार्टअप भले ही पहले नंबर पर हो लेकिन भारत में 2022 में 23 कंपनियों को यूनिकॉर्न का दर्जा मिला जो चीन की तुलना में कहीं अधिक है। बीते वर्ष चीन में एक अरब डॉलर के मूल्यांकन वाले स्टार्टअप की संख्या महज 11 रही। यह लगातार दूसरी बार है, जब इस मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ा है।

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