भारत में क्रिप्टोकरेंसी को 'वर्चुअल डिजिटल एसेट' (VDA) के रूप में माना गया है। वीडीए की बिक्री से होने वाला लाभ या तो पूंजीगत लाभ या व्यवसाय और पेशे से आय के तहत आ सकता है। वीडीए से होने वाले नुकसान का उपयोग दूसरे वीडीए से लाभ की भरपाई के लिए नहीं किया जा सकता है। वीडीए के हस्तांतरण से लाभ पर कर 30% की विशेष दर पर होगा, जिसमें कोई छूट सीमा लागू नहीं होगी।
Any action on crypto assets will have to be global: FM Nirmala Sitharaman
— ANI Digital (@ani_digital) April 14, 2023
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वर्चुअल डिजिटल एसेट में नॉन-फंजीबल टोकन (NFT) शामिल हैं। हालांकि इसमें उपहार या वाउचर शामिल नहीं हैं, जिनका उपयोग माल या सेवाएं प्राप्त करने, छूट पर या मुफ्त में किसी वेबसाइट या प्लेटफॉर्म की सदस्यता प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। वर्चुअल डिजिटल एसेट की बिक्री से होने वाले लाभ को पूंजीगत लाभ से आय या व्यवसाय और पेशे से आय के तहत रखा जा सकता है। वीडीए के लेनदेन से लाभ की गणना करते समय, केवल लागत को बिक्री मूल्य से घटाने की आवश्यकता होगी। किसी विशेष वीडीए के लेनदेन पर नुकसान का उपयोग किसी अन्य वीडीए के लेनदेन से लाभ को तय करने के लिए नहीं किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति को बिटकॉइन के ट्रांसफर से होने वाले 1,00,000 रुपये का लाभ और एथेरियम के ट्रांसफर से 70,000 रुपये का नुकसान होता है तो उसे बिटकॉइन पर 1,00,000 रुपये के लाभ पर कर का भुगतान करना पड़ेगा। Ethereum के नुकसान का उपयोग बिटकॉइन के लाभ को तय करने के लिए नहीं किया जाएगा। उदाहरण के लिए मान लिया जाए कि वित्त वर्ष 2022 - 23 के दौरान ‘ए’ को वेतन से आय 2,00,000 रुपये, ब्याज से आय 5,000 रुपये और वीडीए के स्थानांतरण से आय 40,000 रुपये है। इस मामले में कुल आय (वीडीए से आय को छोड़कर) कर के लिए शुल्क योग्य आय की अधिकतम राशि से कम है। यानी 2,50,000 रुपये से कम। इसलिए वीडीए से होने वाली आय के अलावा अन्य आय पर कर शून्य है। वीडीए से आय पर कर 12,000 रुपये है (वीडीए के लाभ फॉर्म हस्तांतरण पर 30% की दर से कर लगाया जाएगा)।
'How to calculate tax on crypto gains?'
— WazirX: India Ka Bitcoin Exchange (@WazirXIndia) April 13, 2023
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इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति को वीडीए के रूप में उपहार मिलता है, तो ऐसा उपहार आयकर अधिनियम की धारा 56 के तहत उपहार कर के दायरे में आ सकता है। यदि वीडीए को उपहार के रूप में प्राप्त किया जाता है और इसका कुल बाजार मूल्य 50,000 रुपये से अधिक है तो बाजार मूल्य का पूरा हिस्सा कर के लिए शुल्क योग्य होगा। इसके अलावा, जहां कोई भी संपत्ति 50,000 रुपये से अधिक राशि से वीडीए के कुल बाजार मूल्य से कम कीमत पर प्राप्त की जाती है तो बाजार मूल्य और भुगतान किए गए मूल्य के बीच का अंतर कर के लिए योग्य माना जाएगा। दोनों ही स्थितियों में प्रत्येक लेनदेन के लिए 50,000 रुपये की सीमा की जांच की जाएगी।
यह गौर करने वाली बात है कि धारा 115 बीबीएच निवासी और एनआरआई के बीच अंतर नहीं करती है। दोनों के लिए कर योग्यता समान होगी। हालांकि, अगर एनआरआई भारत के बाहर स्थित वीडीए वॉलेट से भारत के बाहर स्थित एक्सचेंजों में वीडीए ट्रांसफर करते हैं और आय भारत के बाहर स्थित बैंक खातों में आती है तो एनआरआई पर भारत का कर कानून लागू नहीं होगा। वहीं G20 सदस्य देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को ग्लोबल स्तर पर कानून के दायरे में लाने पर सहमति व्यक्त की है। इससे ना केवल क्रिप्टो से जुड़ी चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी बल्कि इसे रेग्युलेट भी किया जा सकेगा। यह जानकारी अमेरिकी प्रवास के दौरान भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी है।