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विजय पर्व पर हमास के तमाम समर्थकों के लिए एक संदेश...

7 अक्टूबर 2023 को इजराइली नागरिकों पर हमास के हमले के मद्देनजर इस वर्ष दिवाली का महत्व कहीं अधिक बढ़ जाता है क्योंकि दिवाली बुराई पर अच्छाई और अंधेरे पर प्रकाश की विजय का प्रतीक पर्व है।

इजराइली रक्षा सेना (IDF) एक अहम मिशन पर है। Image : X@Shalabh Shalli Kumar

शलभ 'शाली' कुमार

मैं एक हिंदू-अमेरिकी हूं जो 60 के दशक में एक समय फिलिस्तीनियों के प्रति सहानुभूति रखता था और अब भी रखता हूं क्योंकि यह तर्क दिया जा सकता है कि 1949 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा यहूदियों और अरबों के बीच भूमि को विभाजित करने के लिए प्रस्ताव 181 पारित करने के बाद उन्होंने अपनी कुछ जमीन खो दी थी। मुझे अब भी दिसंबर 1961 में भारत द्वारा गोवा की मुक्ति याद है जो उस समय तक एक पुर्तगाली उपनिवेश था। मिस्र के राष्ट्रपति नासिर भारत में रातोंरात सनसनी बन गए क्योंकि उन्होंने पुर्तगाली नौसेना को स्वेज नहर में प्रवेश करने से रोक दिया। मैं उनका प्रशंसक था!

lighted candle on black metal holder
demo Photo by wilson mathew / Unsplash

बहरहाल, फिलहाल मेरे पास उन सभी प्रदर्शनकारियों के लिए एक प्रश्न है जो फिलिस्तीन की आजादी की आवाद बुलंद किये हुए हैं। क्या आपने उत्तर भारतीय राज्य जम्मू-कश्मीर की हिंदू युवा महिला गिरिजा टिक्कू के बारे में कभी कुछ सुना है। जून, 1990 में उसका JKLF (जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट) के सदस्यों ने एक बस से अपहरण कर लिया था। उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और कट्टरपंथियों के सामने ही उसका शरीर दो हिस्सों में काट डाला। आप कल्पना कीजिए। और उसका अपराध क्या था... वह एक हिंदू थी। स्कूल में एक लाइब्रेरियन।

इस तरह 7 अक्टूबर, 2023 को इजराइल पर हमला करते समय हमास ने 1400 से अधिक इजराइली नागरिकों के साथ जो किया उसमें और JKLF की क्रूरता में क्या अंतर है। कोई नहीं। कट्टरपंथी इस्लाम पश्चिम के लिए अपेक्षाकृत नई (50 वर्ष से भी कम पुरानी) घटना है लेकिन भारत ने पिछले 800 वर्षों से इस्लाम का कुरूप चेहरा झेला है। लिहाजा 7 अक्टूबर 2023 को इजराइली नागरिकों पर हमास के हमले के मद्देनजर इस वर्ष दिवाली का महत्व कहीं अधिक बढ़ जाता है क्योंकि दिवाली बुराई पर अच्छाई और अंधेरे पर प्रकाश की विजय का प्रतीक पर्व है।

सच तो यह है कि पहले अल कायदा था। फिर आईएसआईएस आया जो लोगों के सिर काटकर गर्व का अहसास करता था। और अब हमास। हमास को लगता है कि वह आईएसआईएस से भी आगे है। उसने यहूदी बच्चों के सिर कलम किये हैं, उनकी महिलाओं का बलात्कार किया है और उन्हे बेरहमी से मार डाला है। यही तो हैं 21वीं सदी के राक्षस। ये उन JKLF कारिंदों से कहां अलग हैं। ये उस बहमनी सुलतान से भी अलग नहीं हैं जिसने हर साल 1 लाख हिंदुओं के सिर मांगे थे।

ऐसे में इजराइली रक्षा सेना (IDF) एक अहम मिशन पर है। वह हमास रूपी रावण या राक्षस को खत्म करना चाहती है। अधिकांश प्रदर्शनकारियों सहित दुनिया के अधिकांश लोग अंततः 21वीं सदी के राक्षसों से छुटकारा पाने के लिए IDF को धन्यवाद देंगे।

दिवाली के इस पावन पर्व के अवसर पर मैं चाहता हूं कि यहूदी समुदाय और इजराइल को पता चले कि 1.5 अरब हिंदू यहूदी लोगों और इजराइल के साथ हैं। हम अपने जीवन के जोखिम पर हमास रूपी रावण को खत्म करने की प्रतिज्ञा को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और IDF के आभारी हैं।

(शलभ 'शाली' कुमार शिकागो स्थित भारतीय-अमेरिकी उद्योगपति, एवीजी एडवांस्ड टेक्नोलॉजीज के सेवानिवृत्त अध्यक्ष और सीईओ तथा रिपब्लिकन हिंदू गठबंधन के संस्थापक हैं)

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