भारतीय कारोबारी और दुनिया के 20 सबसे अमीर लोगों में शुमार गौतम अडानी अमेरिकी जांच में पास हो गए हैं। अडानी ग्रुप पर इस साल की शुरुआत में अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने फंड की हेराफेरी और अपनी मार्केट वैल्यू बढ़ा चढ़ाकर दिखाने के गंभीर आरोप लगाए थे। जब ये रिपोर्ट आई थी, अडानी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स थे। रिपोर्ट आने पर उनकी वैल्यू 100 अरब डॉलर से ज्यादा घट गई थी।
भारतीय अरबपति गौतम अडानी की कंपनी द्वारा श्रीलंका में विकसित किए जा रहे बंदरगाह प्रोजेक्ट के लिए अमेरिका ने हाल ही में 553 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता देने पर मुहर लगाई थी। अब एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिकी सरकार ने फंड देने से पहले अडानी के खिलाफ सबसे बड़े कॉरपोरेट घोटाले के आरोपों की अपनी तरफ से जांच कराई थी।
एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिकी सरकार की इस जांच में पाया गया था कि अडानी के खिलाफ वित्तीय हेराफेरी के जो आरोप लगे हैं, उनका इस प्रोजेक्ट से कोई लेना देना नहीं है। इसी के बाद इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएफसी) की तरफ से अडानी पोर्ट को 553 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता पर मुहर लगाई गई।
अमेरिका से अडानी के फेवर में ये रिपोर्ट आने का मंगलवार को बड़ा असर हुआ। भारतीय शेयर बाजार में अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में 18 फीसदी तक की तेजी देखी गई। अडानी ग्रुप की कंपनियों का मार्केट कैप 14 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया।
अडानी ग्रुप श्रीलंका में एक कंटेनर टर्मिनल बना रहा है। इसी के लिए उसने डीएफसी से 553 मिलियन डॉलर का लोन मांगा था। अमेरिकी सरकार इस प्रोजेक्ट में पैसा लगाने के लिए इसलिए भी इच्छुक है क्योंकि वह इसे इलाके में चीन के प्रभाव की काट के तौर पर देख रहा है।
चीन बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के जरिए इलाके में अपना विस्तार कर रहा है। इसी को देखते हुए अमेरिका ने अडानी ग्रुप के साथ श्रीलंका में एशिया के अपने सबसे बड़े प्रोजेक्टों में निवेश का फैसला किया है।