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उड्डयन बाजार में टाटा की ऊंची उड़ान, एयर इंडिया और विस्तारा का विलय?

इस विलय को पूरा होने में लगभग एक साल का वक्त लग सकता है। यह टाटा ग्रुप का खर्च घटाने, उपलब्ध विमानों व रूटों का पूरा इस्तेमाल करने और इंडिगो का मुकाबला करने की बड़ी योजना का एक हिस्सा है। माना जा रहा है कि विलय के बाद एयर इंडिया और विस्तारा अपनी अलग ब्रांड पहचान को कायम रखेंगी।

Photo by Praveen Thirumurugan / Unsplash

भारत की सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो का मुकाबला करने और भारतीय उड्ड्यन बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए टाटा ग्रुप नई रणनीति पर काम कर रहा है। टाटा ग्रुप अब एयर इंडिया और विस्तारा के कारोबार का विलय करने के लिए सिंगापुर एयरलाइंस से बातचीत कर रहा है। विस्तारा एयरलाइंस टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस का ही जॉइंट वेंचर (संयुक्त उद्यम) है।

Boeing 787 Dreamliner
विस्तारा एयरलाइंस असल में टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस का ही जॉइंट वेंचर (संयुक्त उद्यम) है। Photo by Daniel Eledut / Unsplash

एक मीडिया रिपोर्ट में अनाम अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि यह डील जल्द ही फाइनल हो सकती है। विलय के बाद बनने वाली संयुक्त कंपनी में सिंगापुर एयरलाइंस का 25 फीसदी शेयर हो सकता है, जो 5 से 10 हजार करोड़ रुपये का होगा। इस विलय को पूरा होने में लगभग एक साल का वक्त लग सकता है। यह टाटा ग्रुप का खर्च घटाने, उपलब्ध विमानों व रूटों का पूरा इस्तेमाल करने और इंडिगो का मुकाबला करने की बड़ी योजना का एक हिस्सा है।

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