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NRI के लिए प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है बेंगलुरु

जानकारों का कहना है कि कई ढांचागत बुनियादी परियोजनाएं, शहर में उभरते नए IT गलियारे और शांति के साथ ही कानून-व्यवस्था अनुकूल स्थितियां इस चलन का प्रमुख कारण हैं।

भारत की IT राजधानी के रूप में विख्यात है यह शहर। Demo Photo by satyaprakash kumawat / Unsplash

भारत की IT राजधानी बेंगलुरु आवासीय रियल एस्टेट में NRI निवेशकों के लिए प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में उभरी है। रियल एस्टेट उद्योग के पंडितों का दावा है कि वर्ष 2023 NRI निवेश के लिहाज से उल्लेखनीय साबित होने जा रहा है।

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निवेश-अनुकूल वातावरण इस चलन को बढ़ावा दे रहा है। Demo Photo by satyaprakash kumawat / Unsplash

जानकारों का कहना है कि कई ढांचागत बुनियादी परियोजनाएं, शहर में उभरते नए IT गलियारे और शांति के साथ ही कानून-व्यवस्था अनुकूल स्थितियां इस चलन का प्रमुख कारण हैं। शहर को लेकर महानगरीय दृष्टिकोण भी इस प्रवृत्ति का एक आधार बन रहा है।

जानकारों का कहना है कि अमेरिका के अलावा सिंगापुर जैसे एशियाई क्षेत्रों से साथ ही मध्य पूर्व के NRI भी बेंगलुरु के आवासीय रियल एस्टेट में भारी निवेश कर रहे हैं। यह चलन इसलिए भी जोर पकड़ रहा है क्योंकि मध्य पूर्व और सिंगापुर के NRI भारत वापस आकर यहीं बसना चाहते हैं। व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश के लिए पसंदीदा स्थान हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक BCD समूह के MD अंगद बेदी कहते हैं कि जिस तरह से हम भारत और विशेष रूप से बेंगलुरु में NRI निवेश में वृद्धि देख रहे हैं उसके चलते यह साल अच्छी-खासी निवेश वृद्धि दर्ज करने वाला है। उम्मीद है कि इस वर्ष यह निवेश आश्चर्यजनक रूप से 80 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा जबकि पिछले साल यह 65 बिलियन डॉलर था। यह वृद्धि शानदार है।

बकौल अंगद इसका पहला कारण तो यही है कि भारत की अर्थव्यवस्था सतत गति से आगे बढ़ रही है। इस वजह से NRI यहां पर निवेश के उर्वर अवसर देख रहे हैँ। दूसरे, भारत सरकार ने अनिवासियों के निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई अनुकूल कदम उठाये हैं। प्रोत्साहनों की आकर्षक श्रृंखला के साथ ही निवेश-अनुकूल वातावरण इस चलन को बढ़ावा दे रहा है।

कॉर्नरस्टोन ग्रुप के CEO कैप्टन के. श्रीनिवास ने बताया कि देश की वास्तविक GDP वृद्धि में मार्च 2023 तक 6.1 प्रतिशत की सालाना वृद्धि देखी गई और वित्त वर्ष 2024 तक यह दर 6.5 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है। यह आर्थिक लचीलापन अनिवासी भारतीयों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य की आशा के लिए अनुकूल स्थिति बना रहा है जहां वे न केवल अपने निवेश को कई गुना बढ़ा सकते हैं बल्कि दीर्घकालिक मूल्य प्रशंसा भी हासिल कर सकते हैं।

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