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प्रवासी भारतीयों को स्वीडन इसलिए पसंद है क्योंकि...

फ़्लेक्सिबल वर्किंग आवर और प्रत्येक बच्चे के लिए 480 दिनों के सवैतनिक अवकाश (पैरेंटल लीव) समेत तमाम ऐसी योजनाएं यहां प्रभावी हैं जो स्वीडन को प्रवासी भारतीयों के बीच लोकप्रिय बनाती है।

स्वीडन में एक पिता के लिए पैरेंटल लीव से कम से कम तीन महीने की छुट्टी लेना और बच्चे की देखभाल करना अनिवार्य है। फोटो: प्रियंवदा सहाय 

"यदि आप पैसा कमाना चाहते हैं, तो आपको यूएसए जाना चाहिए और यदि आप दफ्तर और घर के कामकाज के बीच संतुलन (वर्क लाइफ बैलेंस) के साथ एक आराम की ज़िंदगी बिताना चाहते हैं, तो स्कैंदिनेवियाई देशों, खासतौर पर स्वीडन से बेहतर कोई जगह नहीं है।" ऐसा मैंने कई बार यहां सुना है।

परिवार के साथ छुट्टियां मनाने के लिए स्वीडन एक बेहद रोमांचक देश है। यहां गर्मियों की छुट्टी में बच्चे-बड़े सभी वाइल्ड कैंपिंग, टिम्बर राफ्ट टूर समेत तमाम रोमांचक ट्रेवल प्लान जरूर बनाते हैं। 

स्वीडन में रहने वाले ज्यादातर भारतीय आईटी पेशेवरों की यही राय है। वे इस देश को उसकी सामाजिक नीतियों, समानता के अधिकारऔर बिना लैंगिक भेदभाव के चलने वाले समाज के लिए पसंद करते हैं। भले ही वे यहां कुछ महीने या साल दो साल के लिए आए हो लेकिन उन्हें लगता है कि संपन्नता और सुकून दोनों के साथ ज़िंदगी जीना है तो उनके लिए भारत छोड़ने के बाद स्वीडन सबसे बेहतर विकल्प है।

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