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300 साल पहले बनी सबसे बड़ी घड़ी आज भी बताती है सटीक समय

जयपुर का जंतर मंतर करीब 18 हजार 700 वर्ग मीटर इलाके में फैला हुआ है। यहां पर 14 विशाल खगोलीय यंत्र हैं। यहां पर करीब 90 फुट ऊंची सूर्य घड़ी है। इसे वृत सम्राट यंत्र कहा जाता है।

यह घड़ी सूर्य करीब 27 मीटर ऊंची है। फोटो साभार सोशल मीडिया

क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे बड़ी प्राचीन घड़ी कहां पर है? अगर नहीं तो हम बताते हैं। यह भारत के राजस्थान राज्य के जयपुर शहर में है। 27 मीटर ऊंची यह घड़ी सूर्य की रोशनी के जरिए आज भी सटीक समय बताती है। करीब 300 साल पुरानी यह घड़ी जयपुर के जंतर मंतर में लगी है। यह एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक,  वैज्ञानिक एवं पर्यटक स्थल है, जहां पर देश दुनिया से हजारों लोग आते हैं।

जयपुर के जंतर मंतर का निर्माण आमेर के राजा संवाई जयसिंह द्वितीय ने कराया था। जयसिंह एक खगोल वैज्ञानिक थे, जिन्होंने इसका निर्माण 1728 में कराया था। यह निर्माण कार्य 1734 तक चला था। इस दौरान जंतर मंतर में कई तरह के खगोलीय यंत्र स्थापित किए गए थे। इसका उद्देश्य ग्रहों और तारों के जरिए अंतरिक्ष के रहस्य जानने और समय और मौसम के बारे में पता लगाने के लिए कराया गया था।

जयपुर का जंतर मंतर करीब 18 हजार 700 वर्ग मीटर इलाके में फैला हुआ है। यहां पर 14 विशाल खगोलीय यंत्र हैं। यहां पर करीब 90 फुट ऊंची सूर्य घड़ी है। इसे वृत सम्राट यंत्र कहा जाता है। यह सूर्य की स्थिति के हिसाब से समय बताता है। कहते हैं कि यह 2 सेकंड तक की सटीकता से समय बता सकता है। यहां पर लघु सम्राट यंत्र भी है जिसे धूप घड़ी भी सहा जाता है। यह सम्राट यंत्र का छोटा रूप है।

जयपुर के जंतर मंतर में अन्य भी कई यंत्र हैं जिनमें जयप्रकाश यंत्र, शशि वलय यंत्र, दिगंश यंत्र, चक्र यंत्र, ध्रुव दर्शक पट्टी शामिल हैं। इनके अलावा उन्नतांश यंत्र, दिशा यंत्र, नाड़ी विलय यंत्र भी हैं। इन्हें देखने के लिए हजारों सैलानी हर रोज जंतर मंतर पहुंचते हैं। इसका महत्व इसी से आंका जा सकता है कि यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर सूची में शामिल कर रखा है।

कैसे पहुंचे जंतर मंतर?
राजस्थान का जयपुर शहर वैसे तो अपने हवा महल, किलों, जल महल आदि तमाम ऐतिहासिक स्थलों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। प्रदेश की राजधानी होने के कारण यह शहर हवाई, रेल और सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा है। इसके अलावा राजधानी दिल्ली से टैक्सी के जरिए भी आसानी से जयपुर पहुंचा जा सकता है, जिसकी दूरी करीब तीन सौ किमी है।

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