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चर्चा में क्यों हैं प्रवासी सम्मान पाने वाले फेडेक्स के CEO राज सुब्रमण्यम?

वाशिंगटन स्थित इंडिया हाउस में भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो की मौजूदगी में राज को प्रतिष्ठित प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित किया गया। सुब्रमण्यम इस साल की शुरुआत में यह पुरस्कार लेने के लिए भारत नहीं जा सके थे।

राज सुब्रमण्यम को प्रतिष्ठित प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित किया गया है। फोटो : ट्विटर @SandhuTaranjitS

वैश्विक परिवहन कंपनी फेडेक्स के सीईओ राज सुब्रमण्यम को प्रतिष्ठित प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित किया गया है। 55 साल के सुब्रमण्यम को अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने हाल ही में इंडिया हाउस में आयोजित एक समारोह में इस सम्मान से नवाजा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिका की वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो के साथ बाइडन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और भारतीय मूल के सैकड़ों अमेरिकी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। यह सम्मान भारतीय मूल के व्यक्तियों और भारतीय प्रवासियों को भारत द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।

सुब्रमण्यम भारत में केरल राज्य के तिरुवनंतपुरम के रहने वाले हैं। फिलहाल वह अमेरिका में टेनेसी के मेम्फिस में रहते हैं। उन्होंने आईआईटी-मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने सायराक्यूज यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग में मास्टर की डिग्री हासिल की। इसके साथ ही उन्होंने एस्टिन के टेक्सास यूनिवर्सिटी से एमबीए भी किया है।

राज को 2020 में फेडेक्स के बोर्ड में शामिल किया गया था। (फोटो : ट्विटर @annamalai_k)

राज को 2020 में फेडेक्स के बोर्ड में शामिल किया गया था। प्रेसिडेंट और चीफ ऑपरेटिंग अफसर बनने से पहले सुब्रमण्यम फेडेक्स एक्सप्रेस के प्रेसिडेंट और सीईओ थे। यह दुनिया की सबसे बड़ी परिवहन कंपनियों में से एक है। उनके अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व के अनुभव और गहरी व्यावसायिक अंतर्दृष्टि ने फेडेक्स की सफलता में अत्यधिक योगदान दिया है।

राज सुब्रमण्यम फेडेक्स कॉर्पोरेशन के अलावा फर्स्ट हराइजन कॉर्पोरेशन के बोर्ड के सदस्य भी रह चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने कई कंपनियों मे अहम जिम्मेदारियों को संभाला है। आईआईटी-मुंबई की ओर से उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है। यूनिवर्सिटी ऑफ मेम्फिस में फोगेलमैन कॉलेज ऑफ बिजनेस एंड इकोनॉमिक्स ने उन्हें हॉल ऑफ फेम में शामिल किया था। दरअसल, सुब्रमण्यम इस साल की शुरुआत में यह पुरस्कार लेने के लिए भारत नहीं जा सके थे। एक अन्य पुरस्कार विजेता दर्शन सिंह धालीवाल भी कार्यक्रम में मौजूद थे।

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