मानवी पंत
नितिन और प्रवीना शाह ने 1970 के दशक के अंत में जब केवल 8 डॉलर लेकर अमेरिका की धरती पर कदम रखा था, उन्हें पता था कि आगे की राह चुनौतीपूर्ण होगी। अधिकांश अप्रवासियों की तरह उन्होंने विदेशी धरती पर खुशहाल जीवन जीने के लिए संघर्ष किया। उनकी बेटियां सिमी शाह और मिली शाह अटलांटा के संपन्न दक्षिण एशियाई समुदाय में पली-बढ़ीं। उन्होंने संस्कृति और पारिवारिक मूल्यों से समृद्ध पैतृक कहानियां सुनीं और बॉलीवुड निर्देशक करण जौहर को झकझोर देने वाली अंतर-पीढ़ीगत कहानियों को देखा।
इन लड़कियों को यह मेल उनके आसपास की असंख्य संस्कृतियों और उनकी जड़ों के करीब ले गया। सिमी की बड़ी बहन ने कानून और रियल एस्टेट की पढ़ाई की तो दिल से उद्यमी और निर्माता सिमी का झुकाव कहानियों की ओर बढ़ गया। इसने विभिन्न समुदायों को एक साथ लाने के लिए पुल का काम किया।

कहानी कहने के प्रति सिमी की रुचि और कैसे उन्होंने इसे एक पुरस्कार विजेता मीडिया मंच, समुदाय और एजेंसी दक्षिण एशियाई ट्रेलब्लेज़र में तब्दील कर दिया, इस पर चर्चा से पहले आइए उनके प्रारंभिक वर्षों पर नज़र डाल लेते हैं।
1980 के दशक की शुरुआत में सिमी के परमाणु इंजीनियर पिता ने उद्यमिता की ओर रुख किया लेकिन झटका खा गए। इसके बाद उन्होंने होटल और आतिथ्य क्षेत्र में कदम रखा और अच्छा काम किया। उनकी मां ने सिमी की बहन और उन्हें मजबूत आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों के साथ पियानो और नृत्य जैसी गतिविधियों में व्यस्त रखा। दोनों ने अपनी बेटियों को सिखाया कि वे कुछ भी कर सकती हैं।
शुरुआत से ही उद्यमिता की गहरी भावना ने सिमी को बहुत प्रभावित किया। उन्होंने अपने माता-पिता को अमेरिका में बेहतर जीवन जीने के सपने को साकार करते देखा। उनकी यात्रा ने उन्हें ऊंची सपने देखने, अपने कंफर्ट जोन से परे देखने और नए अनुभवों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। धीरे-धीरे वह उस शख्स में परिवर्तित हो गईं जो वह आज हैं।
2019 में सिमी ने प्रतिष्ठित हार्वर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और वित्त एवं निजी इक्विटी क्षेत्र में काम किया। हालांकि उन्हें अपना काम पसंद था लेकिन कोराना महामारी आने से कुछ समय पहले ही वह मीडिया में आईं और उन्हें यह काफी दिलचस्प लगा। लगभग एक साल बाद पहली पीढ़ी की इस अमेरिकी को एक रोमांचक अवसर मिला जिसने उनका दृष्टिकोण काफी व्यापक बना दिया। सिमी को पेप्सिको की पूर्व अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) इंद्रा नूयी ने अपनी पुस्तक के लिए चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में काम करने की जिम्मेदारी दी।
अपना अनुभव बताते हुए सिमी कहती हैं कि इंद्रा नूयी का मेरे जीवन पर हमेशा अविश्वसनीय प्रभाव रहेगा। मुझे उनके और उनकी टीम के साथ करीब से काम करते हुए कार्य, जीवन और रिश्तों के बारे में बहुत सी अमूल्य सीख मिली। मुझे उनकी कई बातें पसंद हैं, सबसे ज्यादा तो वह समर्पण जो वह अपने हर काम में दिखाती हैं और वह देखभाल जो वह अपने आसपास के लोगों के लिए करती हैं। मुझे उम्मीद है कि किसी दिन मैं उसका आधा भी हासिल कर सकी तो बहुत होगा।
2020 में नूयी की टीम में शामिल होने से पहले सिमी ने आकर्षक सामग्री और प्रतिनिधित्व के जरिए दक्षिण एशियाई लोगों को सुर्खियों में लाने के लिए अपने जुनूनी प्रोजेक्ट साउथ एशियन ट्रेलब्लेज़र की स्थापना की। वह इस विचार में दृढ़ विश्वास रखने वाली हैं कि लोगों की अपनी अलग पहचान होती है। इसी के जरिए उन्हें कहानियों को बुनने की प्रेरणा मिली। सफर लंबा था लेकिन उन्हें पूरा विश्वास था।
उन्होंने कहा कि मेरे कई समकालीन लोगों ने अधिक संरचित करियर पथ पर बने रहने का विकल्प चुना जिसका मैं बहुत सम्मान करती हूं। मुझे एहसास हुआ कि मैं दिल से एक रचनाकार हूं। मैं हमेशा से कुछ सार्थक और प्रभावशाली काम करना चाहती थी। कुछ ऐसा जो मुझे हर दिन कुछ नया करने को उत्साहित करे क्योंकि मैं यही सब अपने परिवार में देखकर बड़ी हुई हूं।
26 वर्षीया सिमी दक्षिण एशियाई ट्रेलब्लेज़र को समुदाय के साथ मजबूत जुड़ाव का उत्पाद बताती हैं। उनका कहना है कि मैंने चारों ओर देखा और महसूस किया कि मैं जो भी फिल्म देखती हूं, उसके क्रेडिट में दक्षिण एशियाई नाम होते हैं। हर दिन एक नए दक्षिण एशियाई नेता को फॉर्च्यून 500 सी-सूट में नामित किया जा रहा है। इसने मेरे अंदर एक इच्छा पैदा की। यह जानने की इच्छा कि ये नेता सफलता के इस शिखर तक कैसे पहुंचे? इस दौरान मैंने महसूस किया कि अपनी सांस्कृतिक जड़ों को प्रतिबिंबित करने वाले नेताओं से सीख लेने से अर्थ की एक निर्विवाद समझ पैदा होती है। इस विलक्षण दृष्टि के साथ उन्होंने इन कहानियों को एक सूत्र में पिरोया ताकि दक्षिण एशियाई लोगों की पीढ़ियां उनसे सीख सकें।
इस तरह पॉडकास्ट के साथ शुरू हुई यात्रा अब तेजी से एक खूबसूरत समुदाय और एजेंसी में बदल गई है। आज यह अभिनेता काल पेन, भारतवंशी दीपा बुलर-खोसला और हबस्पॉट सीईओ यामिनी रंगन जैसे असंख्य उद्योगों में सबसे सफल दक्षिण एशियाई लोगों से जुड़ा है। डिजिटल सीमाओं से परे ये प्लेटफ़ॉर्म पूरे देश में लाइव इवेंट, उद्योग रात्रिभोज और लाइव पॉडकास्ट रिकॉर्डिंग आयोजित करता है।
हाल ही में दक्षिण एशियाई ट्रेलब्लेज़र के सीज़न 7 की शुरुआत नोवार्टिस के सीईओ युगल वास नरसिम्हन और स्वास्थ्य व शिक्षा में फिजिशियन लीडर डॉ. सृष्टि गुप्ता नरसिम्हन के अतिथि के रूप में हुई। सिमी ने कहा कि मेरे लिए सफलता का वास्तविक पैमाना तब है, जब हमें किसी श्रोता या पाठक या कार्यक्रम में भाग लेने वाले से संदेश मिलता है जिसमें बताया जाता है कि कोई कहानी उनके साथ कितनी जुड़ी, या उसने उन्हें चुनौती दी, या उन्हें अपनापन जैसा लगा। मैं इस कंपनी से इतना गहरा रिश्ते बनाना के लिए खुद को भाग्यशाली समझती हूं। इसने मुझे समुदाय की और भी बेहतर समझ दी है। साथ ही वह ऊर्जा, वह गति दी है जो मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।
अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए दृढ़ संकल्पित सिमी ने असाधारण नेताओं और दूरदर्शी संगठनों के बीच प्रभावशाली सहयोग बनाने के लिए ट्रेलब्लेज़र एजेंसी भी लॉन्च की है। यह दुनिया भर के मुख्य मंचों पर ताजा और विविध आवाजों को एक साथ लाने का काम कर रही है। वह अपने दक्षिण एशियाई ग्राहकों को, अपने पॉडकास्ट पर दिखाए गए कई अग्रणी ग्राहकों को ब्रांड साझेदारी, बोलने की व्यस्तताओं और परामर्श परियोजनाओं से जोड़ती है।
उन्होंने कहा कि हमारा मिशन हमेशा अग्रणी दक्षिण एशियाई लोगों को ऊपर उठाने के बारे में रहा है। मेरे लिए एजेंसी और विशेषज्ञ नेटवर्क बस उस मिशन को एक कदम आगे ले जा रहे हैं। हम इसे इन नेताओं के लिए और भी अधिक मूर्त रूप में बदल रहे हैं। हम उन्हें अवसर दिलाने और उनके काम की योग्यताओं को पूरा करने का प्रयास करते हैं और हम उन्हें अपने समुदाय की सीमाओं से परे, दुनिया भर के मुख्य मंचों पर प्रचारित करने का काम करते हैं।