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रचिन ने कर दिया कमाल, उनके साथ जुड़ा है राहुल द्रविड, सचिन का नाम

बाएं हाथ के ऑलराउंडर भारतीय मूल के रचिन रवींद्र ने सिर्फ 96 गेंदों पर 123 रनों की सनसनीखेज नाबाद पारी खेली, जिससे न्यूजीलैंड ने 5 अक्टूबर को इंग्लैंड के खिलाफ उद्घाटन मैच जीत लिया। यह रवींद्र का वनडे और इंटरनेशनल क्रिकेट में पहला शतक है।

भारतीय मूल के क्रिकेट खिलाड़ी न्यूजीलैंड के रचिन रवींद्र आजकल चर्चा में हैं। फोटो : @mufaddal_vohra

भारतीय मूल के क्रिकेट खिलाड़ी न्यूजीलैंड  के रचिन रवींद्र आजकल चर्चा में हैं। भारत की मेजबानी में हो रहे वनडे वर्ल्ड कप 2023 के लिए गुरुवार (5 अक्टूबर) को हुए पहले ही मुकाबले में न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड को करारी शिकस्त दी। बाएं हाथ के ऑलराउंडर भारतीय मूल के रचिन रवींद्र ने सिर्फ 96 गेंदों पर 123 रनों की सनसनीखेज नाबाद पारी खेली, जिससे न्यूजीलैंड ने 5 अक्टूबर को इंग्लैंड के खिलाफ उद्घाटन मैच जीत लिया। यह रवींद्र का वनडे और इंटरनेशनल क्रिकेट में पहला शतक है।

न्यूजीलैंड के वेलिंग्टन में 18 नवंबर, 1999 को जन्मे रवींद्र के पिता का नाम रवि कृष्णमूर्ति और उनकी मां दीपा कृष्णमूर्ति हैं। रवि कृष्णमूर्ति 1990 के दशक में भारत के बेंगलूरु से न्यूजीलैंड चले गए थे। रवि कृष्णमूर्ति एक क्लब क्रिकेटर थे। सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ दोनों के बहुत बड़े प्रशंसक कृष्णमूर्ति ने रचिन का नाम क्रिकेट के दोनों दिग्गजों से से प्रेरणा लेकर ही रखा है। उन्होंने रचिन नाम राहुल द्रविड़ के ‘रा’ और सचिन तेंदुलकर के ‘चिन’ को मिलाकर रखा।

कम उम्र में ही रचिन की प्रतिभा सबके सामने आ गई थी। न्यूजीलैंड के राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने से पहले वह 2016 और 2018 में अंडर-19 और न्यूजीलैंड ए टीम में खेल चुके हैं। उन्होंने न्यूजीलैंड में घरेलू क्रिकेट में सभी को प्रभावित किया और आखिरकार 2021 में टी20I में अपने देश के लिए डेब्यू किया। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा और आखिरकार इस साल की शुरुआत में वह न्यूजीलैंड की वनडे टीम में शामिल कर लिए गए। तब से ही टीम के नियमित सदस्य हैं।

अपने सपनों के सफर को याद करते हुए रविंद्र ने 14 जुलाई, 2019 की रात को मीडिया से कहा था कि जब न्यूजीलैंड वनडे विश्व कप फाइनल में इंग्लैंड से हार गया था। वह उस समय बेंगलुरु में थे। उन्हें याद है कि वह जल्द ही न्यूजीलैंड का प्रतिनिधित्व करने के बारे में महसूस कर रहे थे।

उन्होंने कहा था कि मेरे पिता हर साल भारत ले जाते थे। हम स्टॉक एक्सचेंज बार में फाइनल (2019) देख रहे थे। मैंने पूरा फाइनल देखा। यह अविश्वसनीय था और खेल के उतार-चढ़ाव के साथ इतना उतार-चढ़ाव भरा अनुभव था। हमारे आसपास भारतीय समर्थकों का होना बहुत अच्छा था। यह एक ऐसा अनुभव है जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगा।

दरअसल, इस साल न केवल उनके सपने सच हुए हैं, बल्कि रचिन को वर्तमान में न्यूजीलैंड के सबसे तेजी से उभरते क्रिकेटरों में भी गिना जाता है। इस बारे में रचिन का कहना है कि यह एक शानदार यात्रा रही है।

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