अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट में ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी की अपनी कंपनी ब्लॉक आईएनसी पर एक अरब डॉलर की धोखाधड़ी और निवेशकों को गुमराह करने का बड़ा आरोप लगाया गया है। इसके बाद से ब्लॉक कंपनी के शेयर 58 फीसदी तक धराशायी हो चुके हैं। हिंडनबर्ग ने इस कथित महाघोटाले में डोर्सी और कुछ अन्य लोगों के अलावा एक भारतीय-अमेरिकी अमृता आहूजा की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। अमृता ब्लॉक कंपनी की चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर यानी सीएफओ हैं।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना काल में ब्लॉक कंपनी के शेयरों में अप्रत्याशित उछाल आया था। 18 महीने के अंदर ही इसके शेयर प्राइस 639 फीसदी तक बढ़ गए थे। रेवेन्यू में भी भारी बढ़ोतरी हुई थी। इसकी वजह सह संस्थापक जैक डोर्सी और जेम्स मैककेल्वी द्वारा गलत तरीके से 1 अरब डॉलर के स्टॉक बेचना था। अमृता आहूजा समेत कुछ अन्य पदाधिकारियों ने भी लाखों डॉलर के स्टॉक मार्केट में डंप किए थे। हिंडनबर्ग ने कई अन्य गंभीर आरोप भी लगाए हैं। हालांकि कंपनी ने सभी आरोपों को खारिज किया है।
अमृता आहूजा के बारे में बताएं तो वह पिछले चार साल तीन महीने से ब्लॉक कंपनी में सीएफओ हैं। उन्होंने 2001 में इंवेस्टमेंट बैंकर के रूप में मार्गन स्टैलनी से करियर की शुरुआत की थी। वार्टन स्कूल और मैसाच्यूट्स यूनिवर्सिटी में पढ़ीं अमृता ने ब्लॉक ज्वाइन करने से पहले Walt Disney, Fox division, Activision Blizzard Inc आदि में भी काम किया है।
खबरों के अनुसार, अमृता के माता-पिता भारतीय प्रवासी थे जो अमेरिका आकर बस गए। अमृता एक समय ओहायो के क्लीवलैंड में एक डेकेयर सेंटर चलाती थीं। उन्होंने फॉक्स में रहते हुए गेम कैंडी क्रश, कॉल ऑफ ड्यूटी जैसे कई मशहूर मोबाइल गेम्स के डेवलपमेंट और मार्केटिंग पर भी काम किया है। साल 2022 की फॉर्च्यून की सबसे शक्तिशाली महिलाओं की लिस्ट में भी उनका नाम शामिल था।
बता दें कि हिंडनबर्ग ने इससे पहले 24 जनवरी को भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के अडानी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाते हुए कई बड़े खुलासे किए थे। इसकी वजह से दो महीनों के अंदर अडानी को 120 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है। ये रिपोर्ट आने से पहले तक दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी अब इस लिस्ट में 24वें नंबर पर पहुंच गए हैं।