भारत का हिमाचल प्रदेश राज्य तेजी से एक तीर्थस्थल बनता जा रहा है। यहां मौजूद हिंदुओं के तीर्थस्थल जिन्हें शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है, हजारों भक्तों को रोजाना अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यही वजह है कि अब हिमाचल के प्रमुख मंदिरों को ई-कनेक्ट करने की पहल शुरू की गई है। यह कदम उन भक्तों के लिए उठाया गया है जो व्यक्तिगत रूप से दर्शन करने में असमर्थ हैं। यानी आप अमेरिका में बैठकर इन धार्मिक स्थलों के दर्शन कर सकते हैं।
आइए जानते हैं कैसे?
मिली जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश की सरकार ने ऊना जिले के प्रसिद्ध माता चिंतपूर्णी मंदिर को सबसे पहले इंटरनेट से जोड़ने की व्यवस्था की है। यह एक पायलट परियोजना है। अब इस मंदिर में हवन, भंडारा और जागरण समारोह कराने के लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा उपलब्ध है। धीरे-धीरे सरकार कई अन्य मंदिरों को भी ऑनलाइन जोड़ेगी।
इस उद्देश्य के लिए सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है। एक बार पायलट परियोजना सफलतापूर्वक लागू हो जाने के बाद ई-कनेक्टिविटी सेवा को राज्य भर के अन्य प्रमुख मंदिरों तक बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा सरकार ने हिमाचल प्रदेश के एडवेंचर्स, चिकित्सा और धार्मिक पर्यटन स्थलों पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कई उपाय किए हैं।
राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से तीर्थयात्री मंदिर के पुजारियों से जुड़ सकेंगे, ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे या अनुष्ठानों के लिए स्लॉट बुक कर सकेंगे। उक्त सॉफ्टवेयर भक्तों को विशेष पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त भी प्रदान करेगा जो उनके आध्यात्मिक अनुभव को सुगम बनाएगा।
वह बताते हैं कि तीर्थयात्रियों के अनुभव को बढ़ाने में बुनियादी ढांचे के महत्व को पहचानते हुए सरकार बाबा बालक नाथ मंदिर जैसे प्रमुख मंदिरों के विकास पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। यह मंदिर राज्य के हमीरपुर जिले में स्थित है और दियोटसिद्ध के रूप में भी प्रसिद्ध है। यह मंदिर चकमोह गांव में एक पहाड़ी की चोटी पर एक प्राकृतिक गुफा में स्थित है और इसका अत्यधिक महत्व है। संक्षेप में कहें तो ई-कनेक्टिविटी मंदिरों को भक्तों के करीब लाएगी और धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगी।
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