भारत के वैश्विक प्रभाव पर हाल ही में प्यू रिसर्च सेंटर ने एक अध्ययन किया है, जिसके अनुसार 68 प्रतिशत भारतीय वयस्कों का मानना है कि दुनिया में भारत का प्रभाव बढ़ा है। वहीं 79 प्रतिशत को भरोसा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सही काम कर रहे हैं। खास बात ये है कि दुनिया के 23 देशों के औसतन 46 प्रतिशत वयस्क भी सर्वे के दौरान भारत के बारे में अनुकूल विचार व्यक्त करते देखे गए हैं। वहीं 34 प्रतिशत ही प्रतिकूल दृष्टिकोण रखते हैं।
अध्ययन में जिन देशों को शामिल किया गया है, उनमें इजराइल ऐसा देश है जो भारत के प्रति सबसे अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण रखता है। इजराइल में 71 प्रतिशत लोग भारत के प्रति सकारात्मक सोच रखते हैं। प्यू रिसर्च सेंटर ने इस सर्वे को 20 फरवरी से 22 मई के बीच किया था और जी20 शिखर सम्मेलन से पहले मंगलवार 29 अगस्त को जारी किया है। यह सर्वे भारत सहित 24 देशों के 30,861 वयस्कों की प्रतिक्रियाओं पर आधारित है। अध्ययन में पिछले साल प्यू द्वारा किए गए अलग-अलग सर्वेक्षणों के परिणामों को भी शामिल किया गया है।
सर्वे में मुख्य तौर पर यह निकलकर आया है कि भारत को नापसंद करने वालों की तुलना में पसंद करने वालों की संख्या ज्यादा है। भारत और प्रधानमंत्री मोदी के विश्वस्तर पर प्रभाव को लेकर दुनिया की सोच सकारात्मक है। हालांकि इससे यह भी पता चला है कि नाइजीरिया और केन्या को छोड़ दें तो सर्वे में शामिल किए गए अधिकांश देशों में भारत की लोकप्रियता में गिरावट आई है। यह गिरावट यूरोपीय देशों में सबसे अधिक देखने को मिली है। उदाहरण के तौर पर 2008 में यूरोपीय देश फ्रांस के 70 प्रतिशत वयस्कों ने भारत के बारे में सकारात्मक विचार रखे थे जो 2023 में 39 प्रतिशत है।
सर्वे में भारत के प्रति अमेरिका, रूस और चीन के बारे में भी विचार लिए गए थे। इनमें 65 प्रतिशत वयस्कों ने अमेरिका को भारत के प्रति अनुकूल बताया है जबकि 57 प्रतिशत रूस को अनुकूल दृष्टि से देखते हैं। चीन की बात करें तो 67 प्रतिशत इस देश को भारत के प्रति प्रतिकूल मानते हैं।
अब बात की जाए क्वाड भागीदारों की तो 51 प्रतिशत अमेरिकी, 55 प्रतिशत जापानी और 52 प्रतिशत ऑस्ट्रेलियाई भारत को सकारात्मक रूप से देखते हैं। वहीं अफ्रीकी देश केन्या में 64 प्रतिशत और नाइजीरिया में 60 प्रतिशत लोग भारत को सकारात्मक दृष्टि से देखते हैं। ब्रिटेन में 66 प्रतिशत वयस्क भारत के प्रति सकारात्मक हैं जबकि 52 प्रतिशत इटालियन भी ऐसा ही सोचते हैं।
हालांकि पहले से आई है गिरावट
प्यू के इस सर्वे ने भारत के नीति-निर्माताओं को यह सोचने के लिए भी मजबूर किया है कि भारत की रेटिंग पहले की तुलना में कम हुई है। साल 2016 में 52 प्रतिशत कनाडाई भारत के बारे में सकारात्मक थे अब यह आंकड़ा 47 प्रतिशत है। साल 2008 में 60 प्रतिशत जर्मनी भारत को सकारात्मक दृष्टि से देखते थे आज यह संख्या 47 प्रतिशत है। जापान में भी साल 2018 से 2023 तक अनुकूलता रेटिंग 58 प्रतिशत से थोड़ा गिरकर 55 प्रतिशत हो गई है। दक्षिण कोरिया में यह 64 प्रतिशत से गिरकर 58 प्रतिशत हो गई है। अमेरिका में 63 प्रतिशत साल 2015 में भारत के बारे में सकारात्मक थे आज यह आंकड़ा 51 प्रतिशत है।
हालांकि इस प्रवृत्ति के अपवाद नाइजीरिया हैं, जहां 2013 में 45 प्रतिशत वयस्क भारत के बारे में सकारात्मक विचार व्यक्त करते थे आज इनकी संख्या 60 प्रतिशत है। केन्या में एक दशक पहले भारत की अनुकूलता रेटिंग 61 प्रतिशत थी जो अब बढ़कर 64 प्रतिशत हो गई है।