तीन साल पहले जब कोरोना महामारी ने विकराल रूप लेना शुरू किया तो सारी दुनिया घरों में कैद हो गई। इस दौरान लोगों ने कई तरह के रचनात्मक काम भी किए। इन्हीं में से एक हैं अमेरिका के इलिनोइस की रहने वाली भारतीय मूल की किशोरी 13 साल की श्रेया नल्लामोथु। उन्होंने सोशल मीडिया की शरण ली।
Holed up at home during the pandemic lockdown three years ago, 13-year-old Shreya Nallamothu was scrolling through social media when she noticed a pattern: Children even younger than her were the stars — dancing, cracking one-liners and being generally adorable.#technews pic.twitter.com/GATnzUTVJZ
— EngineersConnect (@EnggConnect) May 18, 2023
लेकिन टिकटॉक के माध्यम से स्क्रॉल करते समय एक पैटर्न देखा कि उनसे भी छोटे बच्चों को सोशल मीडिया पर स्टार बनाया जा रहा है। श्रेया का कहना है कि यह पहले तो मुझे निर्दोष लग रहा था। इसमें कोई असामान्य बातें नजर नहीं आ रही थी। लेकिन उन्होंने महसूस किया बच्चों के इन वीडियो के पीछे कोई ताकत काम कर रही है। पैसे कमाने की खातिर इसे व्यावसायिक तौर पर आगे बढ़ाने की का एक पूरा सिस्टम है। नल्लामोथु ने कहा कि मुझे एहसास हुआ कि 'बच्चों को लुभाने' की दुनिया के भीतर बहुत शोषण हो सकता है। और मुझे एहसास हुआ कि उनकी रक्षा के लिए कोई कानून नहीं है।
As Shreya Nallamothu noticed children even younger than her as social media stars, she started to wonder: Who is looking out for them?https://t.co/8kbAu9Igs4
— WGN TV News (@WGNNews) May 15, 2023
यूनिवर्सिटी हाई स्कूल की छात्र समाचार वेबसाइट क्लेरिनोट्टे की रिपोर्ट के अनुसार अपनी शोध प्रक्रिया के दौरान श्रेया ने बच्चों के संरक्षण से जुड़े कानून को समझने के लिए वकीलों के साथ कई बैठकें कीं। उन्होंने वकीलों से यह जानने का प्रयास किया कि क्या बच्चों के लिए कोई विधेयक पारित हो सकता है। वकीलों से सकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद उन्होंने स्वतंत्र अध्ययन के माध्यम से कानून बनाने की दिशा में अपने कदम बढ़ाए। इस काम में उनकी मदद की फ्रेशमैन वर्ल्ड स्टडीज टीचर मॉर्गन श्मिट ने।
Young social media influencers lack protections, IL looking
— CBD CURE DISEASE (@CBDCUREDISEASE) May 15, 2023
to become first state to protect the young stars.
Holed up at home during the pandemic lockdown three years ago, 13-year-old Shreya Nallamothu was scrolling through social media when she noti https://t.co/sPaC0EaxwX
श्मिट ने श्रेया को अध्ययन के के लिए एक संगठनात्मक संरचना दी और साथ ही साथ बिल के कई मसौदों के माध्यम से उसकी समस्या निवारण में मदद की। कई ईमेल के बाद श्रेया नल्लामोथु इस बिल में योगदान करने के लिए इलिनोइस के सीनेटर डेविड कोहलर और इलिनोइस श्रम समिति के सदस्यों के संपर्क में आईं। नल्लामोथु का कहना है कि बिल तैयार करने की प्रक्रिया बहुत सारे ईमेल और फॉलोअप पर आधारित है।
Sophomore Shreya Nallamothu worked with Senator David Koehler to craft and pass legislation protecting child influencers from parental exploitation.
— The Clarionette (@TheClarionette) April 27, 2023
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विधेयक को इस साल मार्च में राज्य सीनेट में सर्वसम्मति से पारित किया गया था। अब इसे इलिनोइस हाउस में स्थानांतरित कर दिया गया है। ब्लूमिंगटन डेमोक्रेट राज्य प्रतिनिधि शेरोन चुंग बिल के हाउस प्रायोजक हैं। यदि यह राज्य सदन में मंजूरी हासिल कर लेता है, तो विधेयक अंतिम वोट के लिए सीनेट में वापस जाएगा। गवर्नर जेबी प्रित्जकर का कहना है कि वह आने वाले महीनों में इस पर हस्ताक्षर करने का इरादा रखते हैं।
Too often these days, you hear of children being exploited by parents or guardians due to the success they make online. Thank you to University High School Student Shreya Nallamothu for proposing this legislation!
— Senator Dave Koehler (@SenatorKoehler) March 8, 2023
Click here to read more: https://t.co/V45pLosdLw pic.twitter.com/djoU5MVdwj
सीनेट बिल 1782 इलिनोइस बाल श्रम कानून के संरक्षण के तहत व्लॉग में चित्रित बच्चों को रखेगा। इलिनोइस बिल 16 साल से कम आयु के प्रतिभाशाली बच्चों को आय के प्रतिशत के लिए पात्र बनाएगा कि वे वीडियो ब्लॉग या ऑनलाइन सामग्री पर कितनी बार दिखाई देते हैं। सामग्री इलिनोइस में बनाई जानी चाहिए और बच्चों को 30-दिन की अवधि में कम से कम 30% सामग्री में चित्रित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही वीडियो ब्लॉगर्स या व्लॉगर्स बच्चों के दिखावे के रिकॉर्ड को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होंगे। उन्हें 18 साल की उम्र में ट्रस्ट खाते में बच्चे के लिए पूरी कमाई को अलग रखना होगा। ऐसा नहीं करने पर बच्चा मुकदमा कर सकता है।
श्रेया का कहना है कि कई बार माता-पिता अपने बच्चों को वीडियो में दिखाई देने के लिए मजबूर करते हैं। चूंकि बच्चे नाबालिग होते हैं इसलिए उनके पास उस पैसे तक पहुंच नहीं होती है। इलिनोइस के सीनेटर कोहलर का कहना है कि इस नए डिजिटल युग ने बच्चों को उनके द्वारा बनाई गई सामग्री से ऑनलाइन पैसा बनाने के तरीके खोजने की अनुमति दी है। लेकिन समस्या यह है कि कई माता-पिता इस अवसर का उपयोग स्वयं पैसे को जेब में रखने के लिए करते हैं और अपने बच्चों को अपने लाभ के लिए अधिक सामग्री बनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। यह एक बाल श्रम मुद्दा है जो 10 साल पहले मौजूद नहीं था।
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