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ठंडा रेगिस्तान और हरियाली, यहां पर है प्रकृति का अनोखा व अलग रूप

लाहौल घाटी में वैसे आंखों को सुकून देने वाले स्थानों की कोई कमी नहीं है। यहां सबसे लोकप्रिय रोहतांग पास है। इसके अलावा सिसु, गोंधला, टांडी, गुशाल, जिस्पा, दारचा, उदयपुर, कीलोंग का जिला मुख्यालय, लेडी ऑफ कीलोंग और चंद्रताल व सूरज ताल जैसी अल्पाइन झीलें भी देखने लायक हैं।

Photo by Gagan deep / Unsplash

भारत में स्थित लाहौल घाटी (Lahaul Valley) हिमालय और पीर पंजाल रेंज के बीच स्थित एक उच्च ऊंचाई वाला क्षेत्र है। इस घाटी का निर्माण चंद्रा और भागा नदियों के संगम से हुआ है जो लाहौल-स्पीति जिले के जिला मुख्यालय कीलोंग पास टांडी में जाकर मिलती हैं। यह घाटी ऊंचे पहाड़ों, बर्फ से ढकी चोटियों, ग्लेशियरों और नदियों के साथ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जानी जाती है। लाहौल घाटी का मुख्य शहर कीलोंग है। यह शहर आसपास के पहाड़ों में ट्रेकिंग और पर्वतारोहण अभियानों के लिए मशहूर है।

A flawless highway in Jispa town of Lahaul Valley in Himachal Pradesh.
यह शहर आसपास के पहाड़ों में ट्रेकिंग और पर्वतारोहण अभियानों के लिए मशहूर है। Photo by Anirudh Thakur / Unsplash

लाहौल और स्पीति दोनों अलग-अलग क्षेत्र हैं

हम अक्सर लाहौल और स्पीति को एक ही कहते हैं लेकिन लाहौल घाटी और स्पीति घाटी दो अलग-अलग क्षेत्र हैं। यह यहां के प्रसिद्ध कुंजुम पास के जरिए अलग-अलग हो जाता है। हालांकि दोनों क्षेत्र एक-दूसरे से सटे हुए हैं और कई चीजों में एक-दूसरे के समान हैं। फिर भी गौर करें तो कुछ उल्लेखनीय अंतर आपको देखने के लिए मिल सकते हैं। लाहौल घाटी स्पीति घाटी की तुलना में कम ऊंचाई पर स्थित है। इसकी औसत ऊंचाई लगभग 3000 मीटर है जबकि स्पीति घाटी लगभग 4000 मीटर की औसत ऊंचाई पर स्थित है।

लाहौल घाटी में प्रवेश करने पर आप सबसे पहले खोकसर गांव देखेंगे। Photo by Gagan deep / Unsplash

स्पीति घाटी ठंडे रेगिस्तान के लिए और हरियाली के लिए है लाहौल घाटी

स्पीति घाटी में चारों ओर रेतिले पहाड़ हैं जिससे इस जगह को ठंडे रेगिस्तानी क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। वहीं लाहौल घाटी में हरियाली भी है। लाहौल घाटी में प्रवेश करने पर आप सबसे पहले खोकसर गांव देखेंगे। हालांकि नियमित हिमस्खलन की वजह से सर्दियों में खोकसर गांव में ठहरना काफी मुश्किल हो जाता है। गर्मी के मौसम में यह गांव देखने लायक होता है। घास के मैदान और चारों ओर कई पानी के चैनल खोकसर को एक ड्रीम पैलेस में बदल देते हैं।

लाहौल घाटी में वैसे आंखों को सुकून देने वाले स्थानों की कोई कमी नहीं है। यहां सबसे लोकप्रिय रोहतांग पास है। इसके अलावा सिसु, गोंधला, टांडी, गुशाल, जिस्पा, दारचा, उदयपुर, कीलोंग का जिला मुख्यालय, लेडी ऑफ कीलोंग और चंद्रताल व सूरज ताल जैसी अल्पाइन झीलें भी देखने लायक हैं।

अब रोहतांग पास के नीचे अटल टनल है जो आपको सीधे लाहौल-स्पीति तक पहुंचा सकती है। Photo by Garvit / Unsplash

अब जानिए कैसे पहुंचे लाहौल घाटी?

लाहौल घाटी जाने के लिए सबसे पहले आपको मनाली पहुंचना होगा। अगर आप बाहर से भारत आ रहे हैं तो आप नई दिल्ली और पंजाब के लुधियाना स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतर सकते हैं। यहां से आप मनाली के लिए ट्रेवल कैब बुक कर सकते हैं।

पहले मनाली से रोहतांग पास ही एक मात्र रास्ता था। लेकिन अब रोहतांग पास के नीचे अटल टनल है जो आपको सीधे लाहौल-स्पीति तक पहुंचा सकती है। यह टनल मनाली को लाहौल-स्पीति के कीलोंग से जोड़ती है।

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