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इस अवार्ड के फाइनलिस्टों में दो भारतीय नर्सें, एक नर्स पा चुकी है पद्मश्री

एस्टर डीएम हेल्थकेयर के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. आजाद मूपेन भारत में जन्में हैं। मूपेन ने बताया कि एस्टर गार्डियंस ग्लोबल नर्सिंग अवार्ड इसलिए शुरू किया गया था क्योंकि हमारा मानना है कि नर्सों को उनके काम के लिए सम्मानित किया जाना चाहिए।

Photo by Patty Brito / Unsplash

दुबई स्थित एक निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता एस्टर डीएम हेल्थकेयर द्वारा आयोजित ग्लोबल नर्सिंग अवार्ड को पाने के लिए इस बार भारत की दो नर्स भी दौड़ में हैं। जीतने वाली नर्सों को ग्लोबल नर्सिंग अवार्ड के तौर पर 2,50,000 अमेरिकी डॉलर दिए जाएंगे। यह अवार्ड दुनियाभर की नर्सों को स्वास्थ्य सेवा में उनके योगदान के लिए दिया जाता है।

इन बार भारतीय नर्सों में से एक शांति टेरेसा लकड़ा हैं जो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के बीच काम करती हैं। दूसरी हैं जिंसी जेरी, जो इस वक्त आयरलैंड में हैं। उनका जन्म केरल में हुआ था। दोनों 10 फाइनलिस्टों में शामिल हैं। विजेता को लंदन में एक समारोह के दौरान 12 मई को सम्मानित किया जाएगा। इस दिन अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है।

शांति टेरेसा लकड़ा 

बता दें कि एस्टर डीएम हेल्थकेयर के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. आजाद मूपेन भारत में जन्में हैं। मूपेन ने बताया कि एस्टर गार्डियंस ग्लोबल नर्सिंग अवार्ड इसलिए शुरू किया गया था क्योंकि हमारा मानना है कि नर्सों को उनके काम के लिए सम्मानित किया जाना चाहिए। हमारे अपने संगठन में ही लगभग 8,000 नर्सें हैं और हमने देखा है कि वे किस तरह से रोगियों की सेवा करने और उन्हें बचाने में अपनी दिल और आत्मा लगा देती हैं। एक डॉक्टर होने के नाते मैंने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए बड़े पैमाने पर और हाल ही में COVID चुनौतियों के लिए उनकी कड़ी मेहनत को देखा और सराहा है। वे उस लड़ाई में अग्रिम पंक्ति के सैनिक थे।

पोर्ट ब्लेयर स्थित जीबी पंत अस्पताल में काम कर रही शांति टेरेसा लकड़ा को उनकी नर्सिंग सेवा के लिए भारतके उच्च सम्मान 'पद्मश्री' से भी सम्मानित किया जा चुका है। वह वर्षों से अंडमान और निकोबार के आदिवासी समुदाय के बीच उनका विश्वास हासिल करके उनकी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करती हैं।

वर्ष 2004 में जब सुनामी ने ओंगी द्वीप पर हमला किया था, तब उन्होंने आदिवासी समुदाय के बीच ही अपना घर बना लिया था। वह गहरे जंगल में एक खुले तंबू में उनके साथ रहने लगीं। वह अब इस क्षेत्र की सभी प्रमुख जनजातियों के लिए काम करती हैं।

वहीं इस दौड़ में शामिल भारत की दूसरी नर्स आयरलैंड के डबलिन में मेटर मिसेरिकोर्डिया विश्वविद्यालय अस्पताल में काम करने वाली जिंसी जेरी संक्रमण के निवारण और नियंत्रण के लिए सहायक निदेशक नर्सिंग के रूप में कार्य करती हैं। जैरी इंफेक्शन प्रिवेंशन सोसाइटी यूके का भी हिस्सा हैं।

जेरी बताती हैं कि साल 2020 में मैंने अस्पताल में रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन पेश किया था। उस समय हमारे ऊपर काम का बोझ अधिक था इसलिए हमने उसका मुकाबला करने के लिए इस प्रणाली की शुरुआत की था। वर्तमान में मैं लगभग आठ अन्य परियोजनाओं पर काम कर रही हूं जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग करने पर काम करना भी शामिल है।

बता दें कि इस अवार्ड की दौड़ में शांति और जेरी के अलावा इंग्लैंड, संयुक्त अरब अमीरात, केन्या, तंजानिया, पनामा, सिंगापुर, पुर्तगाल और फिलीपींस की भी नर्स शामिल हैं। जूरी फाइनलिस्ट के लिए फैसला लेगी।

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