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यह है भारत का अद्भुत और अनजान गांव, एक पैर यहां तो दूसरा म्यांमार में

बताते हैं कि गांव को दो हिस्सों में कैसे बांटा जाए इसका हल न मिलने पर अधिकारियों ने तय किया था कि सीमा रेखा गांव के बीच से होकर जाएगी। सीमा के पिलर पर एक ओर बर्मी भाषा में और दूसरी ओर हिंदी में संदेश लिखा हुआ है।

जब भी हम बॉर्डर यानी सीमा के बारे में सोचते हैं तो हमारे दिमाग में बमबारी, हथियार लिए हुए सैनिक और कई प्रतिबंधों की छवि बनती है। भारत में सीमाई इलाकों पर अस्थिरता हमेशा से रही है। लेकिन पूर्वी भारत में एक इलाका ऐसा भी है जो शांति और स्थिरता की झलक दिखाता है और बताता है कि सीमा पर भी ऐसी स्थिति संभव हो सकती है।

नगालैंड के मोन जिले में स्थित एक गांव बेहद अनोखे तरीकों से म्यांमार से जुड़ा हुआ है। इस गांव का नाम है लोंगवा। Photo : mon.nic.in

नगालैंड के मोन जिले में स्थित एक गांव बेहद अनोखे तरीकों से म्यांमार से जुड़ा हुआ है। इस गांव का नाम है लोंगवा। जितना खूबसूरत यह गांव है उतनी ही अनोखी इस गांव की कहानी है। दरअसल इसका आधा हिस्सा भारत में आता है और आधा म्यांमार में। यह घने जंगलों के बीच म्यांमार की सीमा से सटा भारत का आखिरी गांव है।

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