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ब्रिटिश काउंसिल की नौकरी छोड़ चाय क्यों बेच रही ये युवती, कहानी जोश जगा देगी

शर्मिष्ठा के पास अंग्रेजी साहित्य में मास्टर डिग्री है। शर्मिष्ठा ब्रिटिश काउंसिल में नौकरी करती थीं लेकिन उनका मन नहीं लग रहा था। इसलिए नौकरी छोड़कर उन्होंने चाय की दुकान खोली। उनकी एक दोस्त भावना राव भी इस छोटे से चाय के स्टॉल में ज्वाइंट पार्टनर हैं जो लुफ्थांसा में काम करती हैं।

पहले कोरोना काल और इन दिनों मंदी की आहट ने बहुत से लोगों की नौकरियां छीन ली हैं। मोटी तनख्वाह पर काम करने वाले लोग अचानक बेरोजगार हो गए। ऐसे हालात में बहुत से लोग तनाव, डिप्रेशन में आ जाते हैं। उन लोगों को शर्मिष्ठा घोष से प्रेरणा लेनी चाहिए। फर्राटेदार इंग्लिश बोलने वाली और ब्रिटिश काउंसिल में नौकरी कर चुकीं शर्मिष्ठा दिल्ली में चाय की छोटी सी रेहड़ी लगाती हैं। लेकिन उनके अरमान बहुत बड़े हैं।

भारत में स्टार्टअप के इस दौर में कई लोग खुद से जॉब छोड़कर अपना कामधंधा शुरू कर रहे हैं। इस बीच अब MA इंग्लिश चायवाली महिला की एक कहानी वायरल हो रही है, जो लाखों की ब्रिटिश काउंसिल की नौकरी छोड़कर दिल्ली कैंट के गोपीनाथ बाजार इलाके में चाय की टपरी लगाती हैं।

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