साल 1947 में भारत की आजादी के साथ अंग्रेज तो चले गए लेकिन अपने निशान वहीं छोड़ गए। इस बात से सभी सहमत होंगे कि खूबसूरत जगहों के मामले में अंग्रेजों की पसंद बहुत अच्छी थी। दार्जिलिंग हो या मसूरी या फिर कोई और, उन्होंने कई बेहद खूबसूरत जगहें खोजी थीं। आज हम ऐसी ही एक जगह की बात करने जा रहे हैं जिसका नाम मैकक्लस्कीगंज है।
झारखंड में स्थित मैकक्लस्कीगंज ऐतिहासिक रूप से एक एंग्लो-इंडियन कस्बा है। एक एंग्लो-इंडियन व्यवसायी अर्नेस्ट टिमथी मैकक्लस्की एक बार इस पहाड़ी और जंगल से घिरे इलाके में कोलकाता से आए थे। उन्हें इस जगह से प्यार हो गया। उन्होंने छोटानगर के तब के राजा उदय नाथ शाह देव से इसे खरीदने का फैसला किया। लेकिन वह केवल जमीन खरीदने तक ही नहीं रुके।