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उभरते पत्रकारों के लिए द टेक्सास ट्रिब्यून के प्रबंध संपादक अयान मित्रा की ये सलाह बड़े काम की है

द टेक्सास ट्रिब्यून के वरिष्ठ प्रबंध संपादक अयान मित्रा से न्यू इंडिया अब्रॉड ने उनके करियर के बारे में और एक भारतीय अमेरिकी के रूप में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने पर विशेष बातचीत की।

अयान मित्रा

डेडी ड्रोएज

अयान मित्रा लगभग 25 वर्षों से टेक्सास की राजनीति, डिजिटल मीडिया और चुनावी कवरेज में सक्रिय हैं। द टेक्सास ट्रिब्यून के वरिष्ठ प्रबंध संपादक के रूप में मित्रा यह सुनिश्चित करते हैं कि लाखों टेक्सास वासी देश-दुनिया की घटनाओं से कैसे रूबरू रहें। आजकल की डिजिटल बदलाव की दुनिया में यह आसान काम नहीं है।

ऑस्टिन में टेक्सास विश्वविद्यालय  से स्नातक अयान मित्रा ट्रिब्यून से जुड़ने से पहले द डलास मॉर्निंग न्यूज में कॉपी संपादन, नाइट सिटी संपादन और वेब संपादन के अलावा विधायी सत्र की रिपोर्टिंग में दस साल काम किया है। ब्यूमोंट के रहने वाले अयान मित्रा से न्यू इंडिया अब्रॉड ने उनके करियर के बारे में और एक भारतीय अमेरिकी के रूप में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने पर विशेष बातचीत की।

सवालः आपने पहली बार इस इंडस्ट्री में कैसे प्रवेश किया और आपको इसकी किस चीज ने आकर्षित किया?

अयानः मुझे जो अखबार पसंद थे, उन्हें मैंने कई पत्र भेजे थे। मैं भाग्यशाली रहा कि डलास मॉर्निंग न्यूज ने उपनगरीय डेस्क पर कॉपी संपादक के रूप में मुझे जगह दी। मुझे ये काम आकर्षित करता था क्योंकि मुझे कहानियों के संपादन में आनंद आता है। मेरे लिए यह एक ऐसे संगठन से जुड़ने का शानदार अवसर साबित हुआ, जहां बहुत से लोग सीखने और अपनी कला को निखारने के लिए आते हैं।

सवालः इंडस्ट्री में आगे बढ़ते हुए आपको किन बाधाओं का सामना करना पड़ा है?

अयानः उद्योग में तेजी से आए बदलाव ने काफी समस्याएं खड़ी कीं, लेकिन अवसर भी पैदा किए। जैसा कि विरासत व्यवसाय मॉडल फीका पड़ गया। हर चीज के लिए पहले से रणनीति बनाकर नहीं रखी जा सकती इसलिए आपको अधिक फुर्तीला बनना और नई जिम्मेदारियों को लेना सीखना पड़ता है। अगर आप इसे नया कौशल सीखने के रूप में देखते हैं तो यह आपके लिए बेहतर साबित होता है।

सवालः आपके करियर में क्या एक भारतीय-अमेरिकी होने की वजह से कोई प्रभाव पड़ा है? यदि हां तो क्या?

अयानः मैं किसी भी प्रभाव का श्रेय अपने माता-पिता को दूंगा। उन्होंने मेरे अंदर बौद्धिक जिज्ञासा पैदा की, जिसका मुझे न्यूज़रूम में बहुत फायदा मिला। उन्होंने मुझे मजबूती से अपने कार्य को नैतिकता से साथ पूरा करने का साहस दिया।

सवालः डिजिटल युग पत्रकारिता उद्योग के लिए एक दिलचस्प समय रहा है। मीडिया में हालिया बदलावों से आपके रोजमर्रा के कामकाज पर सबसे बड़ा प्रभाव क्या पड़ा?

अयानः खबरों की दुनिया में रहते हुए आप पहले से उनका अंदाजा नहीं लगा सकते। समाचारों का चक्र कभी खत्म नहीं होता। लोग लगातार अपने फोन पर विभिन्न ऐप के जरिए जानकारी तलाशते रहते हैं। हम अपना बेहतर देने का प्रयास करते हैं। प्राथमिकताओं के साथ आगे बढ़ते हुए दीर्घकालिक रणनीति के साथ दैनिक जरूरतों को पूरा करके संतुलन बनाते हैं।

सवालः कुछ अनुभव बताइए, जिन्होंने आपको इन चुनौतियों का सामना करने में मदद की हो?

अयानः मैंने भी काफी गलतियां की हैं। गलतियों से आप अधिक सीखते हैं। मैं भाग्यशाली रहा कि मेरे पास विचारशील बॉस हैं, जिन्होंने मुझे बदतर महसूस करने के बजाय मेरी गलतियों से सीखने पर ध्यान लगाने में मदद की। इसके अलावा कुछ साथी हैं, जिनसे मैं इंडस्ट्री की परेशानियों पर बात कर सकता हूं। इससे चीजें थोड़ी आसान हो जाती हैं। पत्रकारिता की सबसे बेहतर चीज यही है कि सपोर्ट सिस्टम अभी भी सक्रिय है।

सवालः 2023 में न्यूज़रूम लीडर के रूप में आप क्या खास देखते हैं? क्या कुछ ऐसा है जिससे आप उद्योग के भविष्य को लेकर आशावादी हैं?

अयानः मैं एक गैर-लाभकारी पत्रकारिता संगठन का हिस्सा रहा हूं। पत्रकारिता को सार्वजनिक सेवा का हिस्सा बनाकर बहुत अच्छा लगता है। लेकिन मूलभूत समर्थन आवश्यक है क्योंकि बहुत से गैर-लाभकारी समाचार आउटलेट सामने आते रहते हैं। हम स्थिरता कैसे बनाए रख सकते हैं? मौजूदा दौर पत्रकारों के लिए मुश्किल है, इसमें कोई दोराय नहीं है। ऐसे में हम अपने कर्मचारियों की बेहतर तरीके से मदद कैसे कर सकते हैं, इसी पर फोकस रहता है।

सवालः क्या आप पत्रकारिता और मीडिया में करियर बनाने की उम्मीद कर रहे भारतीय अमेरिकियों या भारतीय प्रवासियों के लिए कोई सलाह देना चाहेंगे?

अयानः उन लोगों को ढूंढें जिनके काम की आप प्रशंसा करते हैं और अनुकरण करना चाहते हैं। उनके पास पहुंचें और बात करने का प्रयास करें। आपको सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल सकती है। इस तरह के करियर को आगे बढ़ाने के लिए अपने डर और बाधाओं के बारे में ईमानदार बनकर समाधान निकालें। मेंटरशिप महत्वपूर्ण है और हमारे समुदाय में इस पर ज्यादा जोर नहीं दिया जाता है।

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