हर साल 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस यानी World Heritage Day के रूप में मनाया जाता है। यह दिन दुनिया की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत का जश्न मनाने का दिन होता है ताकि आने वाली पीढ़ियां इन अमूल्य खजाने को संरक्षित करें और संरक्षित करने के महत्व को भी समझें। भारत दुनिया के कुछ सबसे प्रतिष्ठित स्मारकों का घर है। इसलिए आज हम आपको भारत के शीर्ष 5 विरासत स्मारकों के बारे में बताते हैं।
ताजमहल: भारत में सबसे पहचानने योग्य और प्रतिष्ठित स्मारकों में से एक ताजमहल एक मकबरा है। इसे मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था। इसे मुगल वास्तुकला की उत्कृष्ट कृति माना जाता है और यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है। यह दिल्ली से लगभग 250 किलोमीटर दूर आगरा में है।
खजुराहो: मध्य प्रदेश में स्थित ये खजुराहों स्मारकों के समूह को 10वीं शताब्दी का बताया जाता है। यह स्मारक अपनी जटिल नक्काशी के लिए प्रसिद्ध हैं। यह भारतीय जीवन और संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को चित्रित करते हैं। इनमें देवी-देवता, पशु, संगीतकार और नर्तक शामिल हैं। मंदिर वास्तुकला की नागर शैली का यह एक बेहतरीन उदाहरण हैं और यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल भी हैं।
अजंता और एलोरा की गुफाएं: महाराष्ट्र में स्थित ये गुफाएं चट्टानों को काट कर बनाई गईं मंदिर और मठों की एक श्रृंखला हैं। माना जाता है कि यह गुफाए दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व की हैं। ये गुफाएं अपने विस्तृत भित्तिचित्रों और मूर्तियों के लिए मशहूर हैं। इनमें बौद्ध और हिंदू पौराणिक कथाओं के दृश्य देखने को मिलते हैं। ये भी यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में है।
हम्पी: कर्नाटक में स्थित हम्पी स्मारकों का समूह खंडहरों का एक विशाल परिसर है। यह कभी विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था। यह अपने विस्तृत मंदिरों, महलों और अन्य संरचनाओं के लिए जाना जाता है। इनमें से कई में जटिल नक्काशी और मूर्तियां हैं। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल भी है।
कुतुब मीनार: नई दिल्ली की राजधानी में आप दुनिया की सबसे ऊंची संरचनाओं में से एक और भारत की दूसरी सबसे ऊंची मीनार देख सकते हैं। यह प्रसिद्ध संरचना की ऊंचाई 72.5 मीटर है। इसमें लगभग 379 सीढ़ियां हैं। यह भारत की जटिल वास्तुकला को दर्शाती हैं। दुनिया भर से पर्यटक इसे देखने आते हैं। यह लाल बलुआ पत्थर से निर्मित यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है।