Skip to content

वो किला जिसे कभी जीता न जा सका, शिवाजी ने भी की थी 13 बार कोशिश

यह 17 वीं शताब्दी के अंत में बनाया गया था और यह ध्यान रखना और भी दिलचस्प है कि हवा और ज्वार की मार से प्रभावित होने के बावजूद यह आज भी लगभग पूरी तरह से बरकरार है। आश्चर्यजनक रूप से यह राजसी किला प्राचीन इंजीनियरिंग के चमत्कारों का प्रमाण है।

भारत का जंजीरा किला एक समुद्री किला है जिसे मलिक अंबर ने बनवाया था। यह किला अहमदनगर के सुल्तान की सुरक्षा करता था और मशहूर निजाम शाही राजवंश से संबंधित था। यह किला अपने राजसी किलेबंदी के लिए प्रसिद्ध रहा है। अरब सागर में एक द्वीप पर बना यह किला वर्तमान के राज्य महाराष्ट्र के तटीय शहर मुरुड के पास है। इसे आप निश्चित रूप से भारत के सबसे प्रभावशाली किलों में से एक मान सकते हैं। इस किले के बारे में एक और दिलचस्प तथ्य यह है कि इतिहास में कभी भी किसी दुश्मन ने इस किले पर जीत हासिल नहीं की है।

जंजीरा किला

क्या है जंजीरा किला का इतिहास

यह 17वीं शताब्दी के अंत में बनाया गया था और यह दिलचस्प है कि हवा व ज्वार की तबाही से प्रभावित होने के बावजूद आज भी यह लगभग पूरी तरह से बरकरार है। आश्चर्यजनक रूप से यह राजसी किला प्राचीन इंजीनियरिंग के चमत्कारों का प्रमाण है।

अरब सागर में एक द्वीप पर बना यह किला वर्तमान के राज्य महाराष्ट्र के तटीय शहर मुरुड के पास है।

अगर खबरों की माने तो जंजीरा के समुद्री किले को किसी भी राजा ने नहीं जीता था, जो पड़ोसी इलाकों पर शासन कर रहे थे। अभिलेखों के अनुसार शिवाजी भी इसे जीत नहीं सके थे। हालांकि उन्होंने 13 बार कोशिश की थी। उनके बेटे संभाजी ने भी एक अनूठा तरीका अपनाकर ऐसा करने की कोशिश की और प्रवेश करने के लिए एक पानी के नीचे सुरंग खोदी। लेकिन वह भी अपने प्रयास में असफल रहे।

शिवाजी के बेटे संभाजी ने खाड़ी के उस पार एक और किला बनवाया जिसे कंस कहा जाता है। इस किले के निर्माण के लिए उसी मिट्टी का उपयोग किया गया था जो सुरंग बनाते वक्त निकली थी। 22 एकड़ जमीन पर उस किले को बनाने में 22 साल लगे थे।

किले पर प्रसिद्ध तोप कटलाल भंकरी तोपें लगी हुई हैं। Photo by Upendra Wanmali / Unsplash

किले की संरचना

किला सामान्य चौकोर आकार के बजाय अंडाकार है। किले की दीवार लगभग 40 फीट ऊंची है और इसमें लगभग 19 गोल मेहराब व बरामदे हैं। इनमें से कुछ में अभी भी प्रसिद्ध तोप कटलाल भंकरी तोपें लगी हुई हैं। अभिलेखों की मानें तो इन तोपों का बड़े पैमाने पर समुद्र से आने वाले दुश्मनों के प्रयासों को विफल करने के लिए इस्तेमाल किया गया था।

जंजीरा किले के अंदर क्या देखें?

किले में एक गहरा कुआं भी दिखाई देगा जो ठंडे और मीठे पानी का है। 

जैसे ही आप इस स्थान पर पहुंचते हैं तो आपको एक मस्जिद दिखाई देगी। इसके बाद महल में नहाने की जगह के साथ-साथ विश्राम गृह दिखाई देता है। हालांकि महल के अंदर का अधिकतर हिस्सा खंडहर में तबदील हो चुका है। इसके अलावा आपको यहां एक गहरा कुआं भी दिखाई देगा जो ठंडे और मीठे पानी का है। यह वास्तव में खारे समुद्र के बीच में एक प्राकृतिक आश्चर्य है। यह कुआं अभी भी थके हुए पर्यटकों की प्यास बुझाता है। इसके अलावा यहां जंजीरा गुफाएं भी हैं।

आपको बता दें कि मुरुड वास्तव में एक छोटा मछली पकड़ने वाला गांव है जो एक छोटी पहाड़ी के ऊपर स्थित है। यह अजेय किला 1947 में अंग्रेजों से आजादी के बाद भारतीय क्षेत्र का हिस्सा बनने तक भी अजेय रहा।

#Janjira #Fort #shivaji #Murud #IndianDiaspora #Diaspora #Indian #NewIndiaAbroad #IndiaAbroad

Comments

Latest