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SVB निवेशकों को बचाने आगे आया फेड, उद्यमियों ने ली राहत की सांस

एसवीबी बैंक के ग्राहकों को नुकसान से बचाने के लिए रेगुलेटर्स ने जरूरी कदम उठाए हैं और एक बयान में कहा है कि जमाकर्ताओं की गैर-बीमाकृत राशि का नुकसान कानूनी रुप से बैंक से ही वसूला जाएगा। अन्य करदाताओं पर इसका बोझ नहीं पड़ने दिया जाएगा।

सिलिकॉन वैली बैंक डूबने से सैकड़ों कंपनियां संकट में आ गई हैं।

दो दिन के अंदर अमेरिका के दो बैंक बंद हो गए हैं। अमेरिका के नामी सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) पर 10 मार्च को ताला लगने के बाद अब सिग्नेचर बैंक को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। एसवीबी बैंक पर अचानक ताला लगने से हजारों स्टार्टअप्स पर संकट छा गया है। अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलन ने कहा है कि सरकार जमाकर्ताओं का पैसा वापस दिलाने का प्रयास कर रही है, लेकिन बैंक को संकट से उबारने के लिए वह किसी तरह का पैकेज नहीं देगी।

एसवीबी बैंक के ग्राहकों को नुकसान से बचाने के लिए रेगुलेटर्स ने जरूरी कदम उठाए हैं और एक बयान में कहा है कि जमाकर्ताओं की गैर-बीमाकृत राशि का नुकसान कानूनी रुप से बैंक से ही वसूला जाएगा। अन्य करदाताओं पर इसका बोझ नहीं पड़ने दिया जाएगा। न्यू इंडिया अब्रॉड ने अर्थजगत की जानी मानी हस्तियों से बात करके इस संकट की तह तक जाने और सरकारी उपायों पर बात की।

सिलिकॉन वैली बैंक टेक सेक्टर का एक जाना पहचाना नाम है। इसके ग्राहकों में अमेरिका के ही नहीं भारत के भी तमाम स्टार्टअप्स और कंपनियां शामिल हैं। कैलिफोर्निया डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल प्रोटेक्शन एंड इनोवेशन ने बैंक को बंद करके फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) को रिसीवर नियुक्त कर दिया है। सिलिकॉन वैली बैंक में 250,000 डॉलर से कम रकम वाले खातों का FDIC से बीमा था। लेकिन समस्या ये है कि बैंक के 90 प्रतिशत से अधिक खाते 250,000 डॉलर से अधिक हैं। रेगुलेटर्स ने गैर-बीमाकृत राशि का नुकसान बैंकों से ही वसूलने का ऐलान किया है, लेकिन इस घोषणा से निवेशक अभी भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।

सैंडहिल ग्रुप के प्रबंध निदेशक वेंचर कैपिटलिस्ट एमआर रंगास्वामी 

सैंडहिल ग्रुप के प्रबंध निदेशक वेंचर कैपिटलिस्ट एमआर रंगास्वामी ने इस घोषणा के तुरंत बाद न्यू इंडिया अब्रॉड से बातचीत में कहा कि यह उन आशंकाओं से निपटने का एक अंतरिम उपाय लगता है जो एशियाई बाजारों में छाने वाली हैं। ऐसा करके वे एशिया में उन घटनाओं से बचना चाहते हैं जिसका  परछावा अगली सुबह अमेरिका पर पड़ता है।

वेंचर कैपिटलिस्ट ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इस स्थिति को लेकर सरकार के भीतर उच्च स्तर पर काम हो रहा होगा। वे इसकी गंभीरता को समझते हैं। रंगास्वामी ने कहा कि निश्चित रूप से एसवीबी बैंक के अधिग्रहण के लिए बड़े बैंकों के साथ बातचीत चल रही होगी। जेपी मॉर्गन चेस या सिटी इसके संभावित खरीददार हो सकते हैं। यह बैंक बेशकीमती है। जो भी इसे खरीदेगा, उसका भाग्य बन जाएगा।  

क्लीयरस्टोन वेंचर पार्टनर्स के जनरल पार्टनर वेंचर कैपिटलिस्ट विश मिश्रा

क्लीयरस्टोन वेंचर पार्टनर्स के जनरल पार्टनर वेंचर कैपिटलिस्ट विश मिश्रा ने कहा कि निश्चित रूप से यह सिलिकॉन वैली बैंक और उससे जुड़े भागीदारों के लिए दुखद समय है। यह एक प्रतिष्ठित बैंक है जिसने नवाचार अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि मूडीज इस बैंक की क्रेडिट रेटिंग डाउनग्रेड करने जा रहा था, इसके बाद लोग घबराकर अपनी जमा राशि निकालने लगे। उन्होंने कैलिफोर्निया के नियामकों पर तुरंत बैंक को बंद करने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बैंक को 30 दिन का ग्रेस पीरियड देना चाहिए था। बैंक की बैलेंस शीट मजबूत है। मिश्रा ने कहा कि बैंक के बंद होने से भारत पर निश्चित रूप से प्रभाव पड़ेगा।

खोसला वेंचर्स में ऑपरेटिंग पार्टनर और सीएमओ शेरनाज डेवर

खोसला वेंचर्स में ऑपरेटिंग पार्टनर और सीएमओ शेरनाज डेवर ने न्यू इंडिया अब्रॉड को बताया कि 11 मार्च को खोसला वेंचर्स ने अपने पोर्टफोलियो के जरिए 100 कंपनियों से संपर्क किया था और व्यक्तिगत ऋण प्रदान करने की पेशकश की थी ताकि कंपनियां को डूबने से बचाया जा सके। डेवर ने संस्थापक विनोद खोसला का हवाला देते हुए कहा कि अधिकांश बड़े फंड मदद कर सकते हैं और उन्हें भी करना चाहिए।

कई वर्षों तक सिलिकॉन वैली में स्टार्टअप्स और वेंचर के साथ काम कर चुकीं शेरनाज ने कहा कि यह समय पूंजीपतियों को आगे आने का है। हमें बुरे समय के लिए तैयार रहना चाहिए। बता दें कि 12 मार्च की घोषणा से पहले संस्थापकों ने न्यू इंडिया अब्रॉड को बताया कि वे स्टार्ट-अप को पेरोल से लेकर लंबी अवधि तक कर्मचारियों को नौकरी पर बनाए रखने और निवेशकों को आकर्षित करने को लेकर भी चिंतित हो गए थे।

डेटा मुद्रीकरण कंपनी क्लाउड सूफी के संस्थापक इरफान खान

300 से अधिक कर्मचारियों वाली डेटा मुद्रीकरण कंपनी क्लाउड सूफी के संस्थापक इरफान खान ने न्यू इंडिया अब्रॉड को बताया कि हम एक लाभदायक कंपनी हैं जो एक बहुत ठोस नींव पर खड़ी है। लेकिन यह समस्या हमें कुछ साल पीछे ले जा सकती है। हमें हमारी अधिग्रहण रणनीति बदलनी होगी। मैंने जैसे ही SVB के डूबने की खबर सुनी तो मैंने Wait & Watch का दृष्टिकोण अपनाने का फैसला किया। मैं उम्मीद कर रहा था कि सरकार कदम उठाएगी और स्थिति को संभालेगी।

उन्होंने कहा कि बहुत सारी कंपनियां परेशान हैं। आप फंड के बिना कंपनी को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं। सवाल यह भी है कि हम किन बैंकों पर भरोसा कर सकते हैं? क्या हम आगे बढ़ने के बारे में सोच सकते हैं? यह समय सरकार के लिए कदम उठाने और कुछ कर दिखाने का है। उसे त्रुटियों को तुरंत सुधारना चाहिए।

कर्मचारियों में डर न बैठे इसलिए नाम न बताने की शर्त पर एक उद्यमी ने न्यू इंडिया अब्रॉड को बताया कि उन्हें एक पूंजीपति के जरिए एसवीबी के डूबने का पता चला था तो हमने बैंक से अपना पैसा निकालने की कोशिश की लेकिन वायर ट्रांसफर नहीं हुआ। संस्थापक ने कहा कि हम एसवीबी की शाखाओं के बाहर लंबी लाइनों में नहीं लगे। हम एक छोटी कंपनी हैं इसलिए हमारा खर्च बहुत अधिक नहीं है। लेकिन हमें 6-12 महीनों में पैसों की जरूरत होगी।

उन्होंने कहा कि सिलिकॉन वैली बैंक पर निवेशकों ने भरोसा किया गया। बैंक ने भी स्टार्ट-अप संस्थापकों के साथ अच्छा व्यवहार किया। बाकी बैंकों को यह भी नहीं पता कि स्टार्ट-अप क्या होता है। लेकिन अब सबकुछ बदल गया है।

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