60 और 70 के दशक की अधिकतर बॉलीवुड फिल्मों में जम्मू-कश्मीर को बखूबी दिखाया जाता था। राजेश खन्ना, शर्मिला टैगोर, मुमताज और शम्मी कपूर जैसे कलाकारों के बहुचर्चित गाने कश्मीर की ही वादियों में शूट किए गए थे। भारत सरकार ने अब उन्हीं दिनों को ध्यान में रखते हुए राज्य में खास फिल्म शूटिंग के लिए 300 अज्ञात स्थलों की पहचान की है।
भारत सरकार का उद्देश्य राज्य की सुंदरता को बढ़ावा देने के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में फिल्म पर्यटन के पुनरुद्धार के लिए फिल्म निर्माताओं और प्रोडक्शन हाउस को फिल्म, वेब सीरिज और धारावाहिकों की शूटिंग के लिए आकर्षित करना है।
जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग के प्रशासनिक सचिव सैयद आबिद रशीद शाह ने जानकारी देते हुए बताया कि फिल्म शूटिंग के लिए 300 गंतव्यों को प्रोजेक्ट किया जा रहा है ताकि प्रोडक्शन हाउस अपनी शूटिंग के लिए कोई भी गंतव्य चुन सकें। सरकार उन्हें हर संभव तरीके से सुविधा देगी। पिछले वर्ष में 200 से अधिक फिल्मों, वेब श्रृंखलाओं और धारावाहिकों की शूटिंग जम्मू-कश्मीर में की गई जो कश्मीर में फिल्म पर्यटन के पुनरुद्धार का एक बड़ा संकेत है।
शाह ने बताया कि सरकार ने वन-स्टॉप सेंटर के माध्यम से अनुमति और नियामक आवश्यकताओं के साथ फिल्मों की शूटिंग की सुविधा के लिए एक उचित व्यवस्था सुनिश्चित की है। सरकार ने जम्मू-कश्मीर में उनकी शूटिंग के लिए प्रोडक्शन हाउस की सुविधा के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल भी विकसित किया है।
शाह ने कहा कि प्रमुख फिल्मी सितारे हाल ही में एक सप्ताह के लिए कश्मीर में थे और घाटी में शूटिंग की। आगामी फिल्म 'वेलकम टू कश्मीर' के ट्रेलर में मादक द्रव्यों के सेवन के बढ़ते मुद्दे को भी उजागर किया गया है। इस पर बोलते हुए शाह ने कहा कि मादक द्रव्यों का सेवन एक सामाजिक मुद्दा है जो वैश्विक स्तर पर और जम्मू-कश्मीर में भी प्रचलित है।
फिल्म 'वेलकम टू कश्मीर' का उद्देश्य कश्मीरी संस्कृति को बढ़ावा देना है और दुनिया को इसकी सुंदरता और सकारात्मकता दिखाना है। फिल्म के निर्देशक तारिक भट अपनी पहली फिल्म के साथ दर्शकों को कश्मीर के माध्यम से एक यात्रा पर ले जाना चाहते हैं। यह फिल्म कश्मीर को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे महिला सशक्तिकरण, महिला सुरक्षा, मादक पदार्थों की लत और जम्मू-कश्मीर पुलिस की भूमिका को उजागर करती है।
भट ने कहा कि यह फिल्म कश्मीर के लोगों के लिए आशा, सकारात्मकता और सशक्तिकरण का संदेश है। इसका उद्देश्य रूढ़िवादिता को तोड़ना है और कश्मीर के लोगों और इसकी संस्कृति की सच्ची और सकारात्मक छवि पेश करना है। श्रीनगर में आयोजित होने वाले पर्यटन पर आगामी जी20 शिखर सम्मेलन के साथ शाह ने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने का एक बड़ा अवसर प्रदान करता है।