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मिलिए सोमेश माथुर से जिन्होंने भारतीय संगीत जगत को दी एक अनोखी पहचान

पॉप और आध्यात्मिक संगीतकार सोमेश माथुर को लगता है कि देश में स्वतंत्र संगीत के उदय के साथ ही इंडी संगीतकारों का अच्छा समय शुरू हो गया है। उनका कहना है कि भारत में इंडी संगीत इस समय एक बदलाव के दौर से गुजर रहा है जिससे आगे चलकर स्वतंत्र कलाकारों को लाभ होगा।

सोमेश माथुर रिकॉर्डिंग अकादमी में सलाहकार और वोटिंग सदस्य के रूप में शामिल होने वाले पहले भारतीय हैं। वह ग्रैमीज के लिए वोट भी करने वाले हैं। पॉप और आध्यात्मिक संगीतकार सोमेश माथुर को लगता है कि देश में स्वतंत्र संगीत के उदय के साथ ही इंडी संगीतकारों का अच्छा समय शुरू हो गया है।

रिकॉर्डिंग अकादमी में सलाहकार सोमेश माथुर ग्रैमीज के लिए वोट भी करने वाले हैं। 

सोमेश का कहना है कि भारत में वर्तमान इंडी संगीत एक बदलाव के दौर से गुजर रहा है जिससे आगे चलकर स्वतंत्र कलाकारों को लाभ होगा। इस परिवर्तन का श्रेय सोमेश 'फिल्मी संगीत के पतन' को देते हैं। वह कहते हैं कि संगीत की गुणवत्ता साल दर साल गिरती चली गई क्योंकि संगीत के बड़े ब्रांड पैसे के पीछे भागते हुए क्लासिक गानों को रीमिक्स में तब्दील करने की मशीन बन गए हैं।

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