भगवान शिव के निवास स्थान के नाम से मशहूर कैलाश पर्वत का नजारा जल्द ही भारतीय सीमा क्षेत्र में रहकर लिया जा सकेगा। भारत इसके लिए एक कैलाश व्यू प्वाइंट तैयार कर रहा है। बता दें कि कैलाश पर्वत को स्वर्ग की सीढ़ी भी माना जाता है। यह पर्वत चीन के कब्जे में है।
मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि भारत की सीमा सड़क संगठन (BRO) ने भारत के पिथौरागढ़ जिले के नाभीढांग में KMVN हट्स से भारत-चीन सीमा पर लिपुलेख दर्रे तक सड़क काटने का काम शुरू कर दिया है जो सितंबर तक पूरा हो जाएगा। यह करीब साढ़े छह किलोमीटर लंबी सड़क है।
अधिकारी ने बताया कि सड़क के पूरा होने के बाद सड़क के किनारे 'कैलाश व्यू पॉइंट' तैयार हो जाएगा। कोरोना महामारी के बाद से कैलाश-मानसरोवर यात्रा स्थगित कर दी गई थी जिसे अभी तक शुरू नहीं किया गया है। इतनी लंबी रुकावट के पीछे ये बताया जा रहा है कि भारत सरकार शिव भक्तों के लिए कैलाश पर्वत तक पहुंचने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग बनाने के लिए सभी प्रयास कर रही है। इसे लेकर भारत सरकार ने कहा कि हीरक प्रोजेक्ट को 'कैलाश व्यू प्वाइंट' विकसित करने की जिम्मेदारी दी गई है।
रहस्यमय है कैलाश पर्वत
कैलाश पर्वत पूरे हिमालय में सबसे दिलचस्प पर्वत श्रृंखला है। इसे काफी हद तक दुर्गम माना जाता है। इस रहस्यमय पर्वत के बारे में काफी कम जानकारी सार्वजनिक है। जो भी तथ्य मौजूद हैं वो इसे दिलचस्प बनाते हैं। कई लोगों ने इस पर चढ़ने की कोशिश की है लेकिन अभी तक कोई भी सफल नहीं हो पाया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक जो लोग इस पर चढ़ना चाहते हैं उनके लिए यह पर्वत अपनी स्थिति बदलता रहता है। कई पदयात्रियों के विवरण के अनुसार उन्होंने महसूस किया कि उनके बाल और नाखून 12 घंटों के भीतर तेजी से बढ़ने लगते हैं जबकि आमतौर पर नाखूनों और बालों के समान विकास में लगभग एक सप्ताह का समय लगता है। एक रूसी थ्योारी कहती है कि कैलाश पर्वत सबसे बड़ा प्राचीन मानव निर्मित पिरामिड हो सकता है जो कुल मिलाकर 100 छोटे पिरामिड के पूरे परिसर का केंद्र है। इसका कनेक्शन गीजा और टियोतिहुआकन के पिरामिडों से है।