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इस प्रवासी की मानें तो क्लासरूम से निकलती है सुनहरे भविष्य और आजादी की राह

ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले डॉ. कुलजीत सिंह गोसाल कहते हैं कि बच्चों की शिक्षा को सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए क्योंकि एक बार जो दिमाग रोशन हो गया उसमें दोबारा अंधेरा प्रवेश नहीं कर सकता। गोसाल ने पंजाब में अपने गांव के एक सरकारी स्कूल को 1.50 करोड़ रुपये दान दिए हैं।

Photo: Tribune

स्कूल वह भवन होता है जिसकी चारदीवारों के भीतर हमारा 'आने वाला कल' आकार लेता है... बस यही बात अपने मन-मस्तिष्क में रखकर ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले प्रवासी भारतीय डॉ. कुलजीत सिंह गोसाल ने अपने मूल गांव नारंगवाल के सरकारी हाई स्कूल में एक नया ब्लॉक बनाने के लिए 1.50 करोड़ रुपये खर्च कर दिये।

वर्ष 2019 में भी डॉ. कुलजीत ने स्कूल के प्राइमरी ब्लॉक को बनवाने के लिए 75 लाख रुपये दान किये थे। नारंगवाल गांव भारत के पंजाब राज्य के लुधियाना जिले में है और अंतरराष्ट्रीय सीमा से बस चंद कदम की दूरी पर है। नए भवन का उद्घाटन पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरपाल चीमा और कुलदीप सिंह धालीवाल ने संयुक्त रूप से किया।

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