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रतन टाटा हूवर मेडल से सम्मानित, ये पुरस्कार पाने वाले तीसरे भारतीय

पांच अमेरिकी इंजीनियरिंग संगठनों के बोर्ड की तरफ से भारतीय उद्योगपति और परोपकारी रतन टाटा को वर्ष 2022 के हूवर मेडल से सम्मानित किया गया है। मानवीय हित में बेहतर योगदान के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया है।

ASME के कार्यकारी निदेशक/सीईओ टॉम कॉस्टैबाइल (बाएं) रतन टाटा को 2022 हूवर मेडल प्रदान करते हुए। Photo @mcshovlin

भारत के प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा को पांच अमेरिकी इंजीनियरिंग संगठनों के बोर्ड की तरफ से वर्ष 2022 के हूवर मेडल से सम्मानित किया गया है। रतन टाटा को भारत में मुंबई स्थित समरसेट हाउस में एक समारोह में 74वें हूवर पदक से सम्मानित किया गया।

जिन पांच इंजीनियरिंग संगठनों की तरफ से उन्हें सम्मानित किया गया उनमें अमेरिकन सोसाइटी ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर्स (एएसएमई), सिविल इंजीनियर्स की अमेरिकन सोसायटी, अमेरिकन इंस्टिट्यूट ऑफ माइनिंग, मेटलर्जिकल एंड पेट्रोलियम इंजीनियर्स, अमेरिकन इंस्टिट्यूट ऑफ केमिकल इंजीनियर्स और इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स शामिल हैं।

मानवीय हित में बेहतर योगदान के लिए रतन टाटा को यह सम्मान दिया गया। इस पुरस्कार की स्थापना साल 1929 में की गई थी। यह पुरस्कार उन इंजीनियरों को दिया जाता है जो समाज के हित में उल्लेखनीय योगदान देते हैं। मानवीय सेवाओं में सक्रिय भूमिका निभाने वाले इंजीनियरों को यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है।

हूवर बोर्ड ऑफ अवार्ड के अध्यक्ष पोनिसेरिल सोमसुंदरन, कोलंबिया यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड एप्लाइड साइंस में प्रोफेसर ला वॉनडडलसन क्रंब और एएसएमई के कार्यकारी निदेशक/सीईओ थॉमस कॉस्टैबाइल ने टाटा को स्वर्ण पदक प्रदान किया। इस मौके पर टाटा समूह के बोर्ड अध्यक्ष नटराजन चंद्रशेखरन भी उपस्थित थे।

टाटा की उपलब्धियों के बारे में बोर्ड ने कहा कि टाटा ट्रस्ट ने शिक्षा, चिकित्सा और ग्रामीण विकास में उत्कृष्ट योगदान दिया है। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाखों वंचित लोगों की मदद की है। बता दें कि एएसएमई वैश्विक इंजीनियरिंग समुदाय को वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का समाधान विकसित करने में मदद करता है। 1880 में स्थापित यह एक गैर-लाभकारी पेशेवर संगठन है।

टाटा से पहले दो भारतीयों को हूवर मेडल मिल चुका है। भारत के राष्ट्रपति रहे ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवा को किफायती बनाने के लिए ये पुरस्कार दिया गया था। उनके अलावा इंफोसिस के संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति को स्वास्थ्य देखभाल, सामाजिक पुनर्वास, ग्रामीण उत्थान और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सुधार के लिए इस पुरस्कार से नवाजा गया था।

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