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'रंगकाट' से लेकर 'हवा महल' तक, ऐसी है बनारसी साड़ियों की अनोखी कहानी

बनारस या वाराणसी के प्रख्यात मास्टर बुनकर सईद उर रहमान को विश्वास है कि हैंडलूमों (हथकरघा) को उन लोगों से सहयोग मिलना जारी रहेगा जो कलात्मक गुणवत्ता वाले कपड़े चाहते हैं। रहमान 800 हैंडलूमों में बुनकरों के साथ काम करते हैं। वह यह भी मानते हैं कि हम पावरलूम को खारिज नहीं कर सकते। यह समय की जरूरत है।

Photo by Akhil Pawar / Unsplash

भारत के प्राचीन नगर बनारस या वाराणसी के प्रख्यात मास्टर बुनकर सईद उर रहमान को विश्वास है कि हैंडलूमों (हथकरघा) को उन लोगों से सहयोग मिलना जारी रहेगा जो कलात्मक गुणवत्ता वाले कपड़े चाहते हैं। रहमान 800 हैंडलूमों में बुनकरों के साथ काम करते हैं। यहां के भेलूपुरा में स्थित ताज एस्टेट की स्थापना में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। बता दें कि रहमान के साथ मनचाही डिजाइन वाली साड़ियों के लिए संपर्क करने वाले लोगों में मशहूर डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी का नाम भी शामिल है।

सईद उर रहमान बुनकरों के उस परिवार से आते हैं जिसकी विशेषता हाथ से बुने और्गांजा, कॉटन और फाइन काउंट सिल्क की है। Photo: The Hindu

सईद उर रहमान बुनकरों के उस परिवार से आते हैं जिसकी विशेषता हाथ से बुने और्गांजा, कॉटन और फाइन काउंट सिल्क की है। और्गांजा सिल्क से बना एक बेहद पतला, मजबूत और पारदर्शी कपड़ा होता है। रहमान कुल छह भाई हैं। उनके दादा के समय में यह परिवार कपड़े बुना करता था और उनकी बिक्री करता था। रहमान के पिता के समय में परिवार को संकट का सामना करना पड़ा और इस दौरान उनका फोकस बुनाई पर रहा न कि उसे बेचने पर।

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