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रचना ने कनाडा में रचा इतिहास, इस राज्य में पहली दक्षिण एशियाई महिला शिक्षा मंत्री बनीं

भारतीय मूल की रचना सिंह (49) सरे ग्रीन टिम्बर से तीन बार MLA रही हैं। मंत्री बनने से पहले वह कैबिनेट में जातिवादी मामलों की संसदीय सचिव थीं। वह नस्लवाद विरोधी अभियानों में भी भाग लेती रही हैं और मनोवैज्ञानिक और ड्रग एंड अल्कोहल काउंसलर भी रही हैं।

भारतीय मूल की रचना सिंह (49) ने कनाडा में इतिहास रच दिया है। मूल रूप से भारत के पंजाब की नागरिक रचना सरे ग्रीन टिम्बर से तीन बार MLA रही हैं। उन्हें कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत की शिक्षा और बाल कल्याण मंत्री बनाया गया है। यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह पहली दक्षिण एशियाई महिला हैं।

मो सिहोता के बाद ये मंत्रालय संभालने वाली वह दूसरी पंजाबी हैं। रचना के पिता रघुबीर सिंह और मां सुलेखा के अलावा उनकी बहन सृजना भी अध्यापन के क्षेत्र मे हैं। रचना इससे पहले कैबिनेट में जातिवादी मामलों की संसदीय सचिव थीं। वह नस्लवाद विरोधी अभियानों में भी भाग लेती रही हैं। मंत्री बनने से पहले रचना एक मनोवैज्ञानिक और ड्रग एंड अल्कोहल काउंसलर के रूप में भी काम कर चुकी हैं।

शिक्षा मंत्री बनाए जाने के बाद रचना सिंह ने कहा कि मैं इस मुकाम पर पहुंचकर वाकई खुश हूं। मेरे लिए स्कूलों और शिक्षकों के बीच काम करने और छात्रों का हमकदम बनकर उनकी मदद करना अहम होगा। मैं उस सरकार का हिस्सा बनकर खुश हूं जो लोगों की बात सुनती है और उनकी परवाह करती है।

मंत्री रचना ने कहा कि हमारी सरकार सबके लिए शिक्षा सुलभ कराने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। हम सुरक्षित वातावरण में सभी बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा देने के लिए कृतसंकल्पित हैं। हमने इस दिशा में काफी कुछ किया है लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

रचना इससे पहले कैबिनेट में जातिवादी मामलों की संसदीय सचिव थीं। वह नस्लवाद विरोधी अभियानों में भी भाग लेती रही हैं। मंत्री बनने से पहले रचना एक मनोवैज्ञानिक और ड्रग एंड अल्कोहल काउंसलर के रूप में भी काम कर चुकी हैं।

रचना अपने पति और बच्चों के साथ वर्ष 2001 में कनाडा आई थीं। शुरुआत से ही उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता के रूप काम करना प्रारंभ कर दिया। इसके बाद वह सरे ग्रीन टिम्बर का प्रतिनिधित्व करने के लिए नामित हुईं।

रचना कामगारों के हितों और अधिकारों के हक में भी आवाज उठाती रही हैं। वह स्थानीय श्रमिक संघ में भी सक्रिय रही थीं। बाद में वह कनाडा में सार्वजनिक कर्मचारियों के संघ की राष्ट्रीय प्रतिनिधि बन गईं।

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