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NRI और PIO इस तरह लें भारत में बीमा पॉलिसी, इन बातों का जरूर रखें ध्यान

जो लोग समझते हैं कि भारत की बीमा कंपनी अनिवासी भारतीयों को बीमा नहीं देतीं, तो यह सरासर गलत है। आप किसी भी भारतीय बीमाकर्ता से जीवन बीमा पॉलिसी करा सकते हैं। भारतीय जीवन बीमा कंपनियों से पॉलिसी खरीदने के लिए पॉलिसीधारकों का भारत में रहना आवश्यक नहीं है।

Photo by Scott Graham / Unsplash

जीवन अनिश्चितताओं से भरा है। चाहे आप कहीं भी रहते हों अगर आपके पास पर्याप्त जीवन बीमा कवरेज है तो आप अपने परिवार के सदस्यों के लिए राहत महसूस कर सकते हैं। हालांकि अनिवासी भारतीयों के बीच भारत में जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने को लेकर कुछ गलत धारणाएं हैं। कई मानते हैं कि भारतीय बीमाकर्ता से पॉलिसी खरीदना सही नहीं है तो कुछ यह जानने में रुचि रखते है कि पॉलिसी कैसे खरीदें। आज हम आपको ऐसी कुछ बातें बताएंगे जिससे आप स्वयं बीमा खरीद सकते हैं।

NRIs जीवन बीमा पॉलिसी कैसे खरीद सकते हैं?

  • सबसे पहले तो यह जान लीजिए कि जो यह धारणा रखते हैं कि भारत की बीमा कंपनी अनिवासी भारतीयों को बीमा नहीं देतीं, तो यह सरासर गलत है। आप किसी भी भारतीय बीमाकर्ता से जीवन बीमा पॉलिसी करा सकते हैं। भारत का विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम यानी फॉरेन करेंसी मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) अनिवासी भारतीयों और भारतीय मूल के लोगों (PIO) को उन बीमा पॉलिसियों को खरीदने की अनुमति देता है जो परिवार की सुरक्षा के लिए उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप हों।
  • भारतीय जीवन बीमा कंपनियों से पॉलिसी खरीदने के लिए पॉलिसीधारकों का भारत में रहना आवश्यक नहीं है। हालांकि अपवाद के रूप में कुछ बीमाकर्ता ऐसे हो सकते हैं जो चाहते हैं कि पॉलिसी खरीदते समय आप भारत में रहें। अनिवासी भारतीयों के लिए बीमा प्राप्त करने का सबसे अच्छा और सबसे सुविधाजनक तरीका ऑनलाइन है। यहां वे पॉलिसी खरीदने से पहले पॉलिसी की विशेषताओं और प्रीमियम दर की तुलना कर सकते हैं।
  • यह जरूर है कि भारत में पॉलिसी खरीदने वालों को एक लाभ यह मिल जाता है कि कंपनियां उनके चिकित्सा परीक्षण के खर्च का खुद भुगतान करती हैं जबकि दुनिया के किसी हिस्से से पॉलिसी खरीदने पर पॉलिसीधारक को खुद सभी मेडिकल रिकॉर्ड उपलब्ध कराने होते हैं जिसका भुगतान अक्सर पॉलिसीधारक को ही करना होता है।
  • पॉलिसीधारकों को यह समझना चाहिए कि प्रीमियम दरें पूरी तरह से उनके निवास के देश पर निर्भर हैं। यदि पॉलिसीधारक उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में रहते हैं तो उनका प्रीमियम अधिक होगा या उन्हें पूरी तरह से कवरेज से वंचित कर दिया जाएगा। दूसरी ओर कम जोखिम वाले देशों में रहने वाले पॉलिसीधारक बिना किसी कठिनाई के पॉलिसी प्राप्त कर सकते हैं। उच्च जोखिम वाले देशों में वो देश आते हैं जहां अस्थिर सरकारें होती हैं और जहां गृहयुद्ध या लगातार हिंसक हमलों की आशंका बनी रहती है।
  • पॉलिसी खरीदते वक्त आपको यह भी ध्यान देने की जरूरत है कि जो पॉलिसी आप खरीद रहे हैं उस पर क्या टैक्स लगता है। वर्तमान में भारत की टैक्स व्यवस्था में कुछ बीमा पॉलिसी टैक्स फ्री है। लेकिन अगर आप किसी दूसरे देश में हैं तो पॉलिसी खरीदते समय आपको उस देश के टैक्स की जानकारी रखनी होगी।
  • बता दें कि पॉलिसी प्रीमियम का भुगतान विदेशी मुद्रा में अपने अनिवासी रुपया खाता (NRO Account) या विदेशी मुद्रा अनिवासी खाता (NRE या FCNR) के माध्यम से किया जा सकता है। वैसे जब आप पॉलिसी दस्तावेज पढ़ेंगे तो उसमें साफ निर्दिष्ट होता है कि प्रीमियम का भुगतान भारतीय मुद्रा के अलावा विदेशी मुद्रा में भी कर सकते हैं या नहीं।
  • अगर जीवन बीमा पॉलिसी विदेशी मुद्रा में जारी की जाती है तो प्रीमियम का भुगतान उसी मुद्रा में NRE या FCNR खाते से किया जाना चाहिए। यदि पॉलिसी भारतीय रुपये में जारी की जाती है तो प्रीमियम का भुगतान NRO खाते के माध्यम से किया जाएगा।
  • सबसे जरूरी बात: नॉमिनी को डेथ क्लेम फाइल करते समय पॉलिसी डॉक्युमेंट्स में बताए गए सभी प्रासंगिक दस्तावेजों को जमा करना होगा। याद रखने वाली सबसे जरूरी बात यह है कि यदि मृत्यु किसी दूसरे देश में होती है तो कुछ बीमाकर्ताओं को उस देश में  मौजूद भारतीय दूतावास या उच्चायोग द्वारा प्रमाणित मृत्यु प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है।

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