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आतंकवाद और फतवों पर बयान को लेकर चर्चा में क्यों है मिस्र के मुफ्ती?

भारत दौरे पर पहुंचे मिस्र के मुफ्ती ने कहा कि मजहबी फतवे समकालीन वास्तविकताओं के अनुरूप नहीं हैं। इसके साथ ही उन्होंने आतंकवाद की जमकर मुखालफत की। उन्होंने कहा कि हमें यह समझना होगा कि हिंसा और आतंक का सहारा लेने वाले मुसलमानों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

मिस्र के शीर्ष मुफ्ती शावकी इब्राहिम अब्दुल करीम आलम (फोटो : ट्विटर @DarAlIftaEng)

मिस्र के शीर्ष मुफ्ती शावकी इब्राहिम अब्दुल करीम आलम आतंकवाद पर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। विदेश मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) के निमंत्रण पर वह चार दिवसीय यात्रा पर सोमवार को भारत पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि आतंकवादी हमले करने वाले मुसलमान ‘असामाजिक तत्वों’ का हिस्सा हैं जो एक बीमार मानसिकता से ग्रसित हैं। उन्होंने बताया कि यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ाना है।

मुफ्ती शावकी ने एक इंटरव्यू में कहा कि मिस्र की इस्लामिक सलाहकार संस्था दार अल-इफ्ता इन घटनाओं को रोकने के लिए समान विचारधारा वाले विद्वानों को इकट्ठा कर रही है। मिस्र के मुफ्ती ने कहा है कि भारत सहित दुनिया भर के मुसलमानों को मजहबी फतवों की बात आने पर समझदार होना चाहिए। क्योंकि ये मजहबी फतवे समकालीन वास्तविकताओं के अनुरूप नहीं हैं।

उन्होंने सभी प्रकार के आतंकवाद की आलोचना की जिसमें मिस्र में ईसाइयों और पाकिस्तान में शिया अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाले हमले भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सच्चे धार्मिक मूल्यों और हिंसा, उग्रवाद, आतंकवाद का सहारा लेने के बीच कोई संबंध नहीं है।

उन्होंने कहा कि हमें यह समझना होगा कि हिंसा और आतंक का सहारा लेने वाले मुसलमानों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। वे अपने बीमार मन और बीमार मानसिकता का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे इस तरह की हिंसा का सहारा लेते हैं क्योंकि उन्होंने धार्मिक मूल्यों को सही तरीके से नहीं समझा है। उन्होंने कहा कि धर्मों को समझने के लिए ऐसे विद्वानों की आवश्यकता है जो अपना पूरा जीवन धर्म के अध्ययन के साथ आधुनिक दुनिया की वास्तविकताओं का अध्ययन करने के लिए समर्पित कर दें।

भारत के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं दूसरी बार भारत में आया हूं। लगभग पांच साल पहले जब मैं पिछली बार नई दिल्ली आया था, तब से भारत ने चौंका देने वाला विकास किया है। इस देश में पहुंचने वाला कोई भी आगंतुक भारत जैसे महान देश में विकास को नोटिस करेगा। उन्होंने कहा कि मिश्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी (गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि) की हालिया यात्रा ने दोनों देशों के बीच लगातार बढ़ते और मजबूत संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ा है। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के प्रमुख विनय सहस्रबुद्धे ने मुफ्ती के सम्मान में सोमवार को एक दोपहर भोज का आयोजन किया था।

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