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प्रधानमंत्री मोदी को गुप्त शक्तियों से लैस अमर महापुरुष मानते हैं चीनी!

चीनी नेटिजंस ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक 'असामान्य' उपनाम दिया है- मोदी लाओशियान। इसकी वजह केवल मोदी का स्वरूप या नीतियां नहीं हैं बल्कि जिज्ञासा, विस्मय और शायद कुटिलता का तत्व भी है। ऐसा लेख में लिखा है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी. 

चीनी नेटिजंस ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक 'असामान्य' उपनाम दिया है- मोदी लाओशियान। चीनी भाषा में लाओशियान (Lao xian) उस बुजुर्ग को कहा जाता है जिसके पास कुछ विचित्र किस्म की शक्तियां होती हैं। दिलचस्प यह है कि चीन के नेट प्रेमियों के जेहन में पीएम मोदी की यह छवि ऐसे समय बनी है जब भारत और चीन के रिश्ते सीमा विवाद के चलते बीते कुछ बरसों से कड़वाहट के दौर से गुजर रहे हैं।

चीनी नेटिजंस का किसी विदेशी नेता को उपनाम देना दुर्लभ है । Photo by Ling Tang / Unsplash

अमेरिका स्थित एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन समाचार पत्रिका की हालिया रिपोर्ट के अनुसार चीनी नेटिजंस को लगता है कि पीएम मोदी दुनिया के अन्य नेताओं से कुछ अलग हैं। अधिक हैरानी भरे हैं। लाओशियान जैसा अंतर केवल उनके पहनावे या भौतिक उपस्थिति को लेकर ही दिखाई नहीं पड़ता बल्कि अपने पूर्ववर्तियों के मुकाबले उनकी नीतियों में भी अधिक परिलक्षित होता है।

द डिप्लोमैट में प्रकाशित लेख के अनुसार इसकी वजह केवल मोदी की उपस्थिति या नीतियां नहीं हैं बल्कि जिज्ञासा, विस्मय और शायद कुटिलता का तत्व भी है जो वह चीनी लोगों के बीच पैदा करते हैं। यही 'लाओशियान' शब्द से परिलक्षित होता है। लेखक आगे कहता है कि चीनी नेटिजंस का किसी विदेशी नेता को उपनाम देना दुर्लभ है लेकिन पीएम मोदी अन्य सभी से अलग और ऊपर हैं। मोदी ने चीन के जन-मानस पर अपनी छाप छोड़ी है।

यही नहीं, चीनी नेटिजंस को लगता है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्व शक्तियों के बीच संतुलन कायम कर सकते हैं। खासतौर से रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध और उसमें चीन और अमेरिका जैसी महाशक्तियों के रवैये के बीच भारत के रुख को देखते हुए चीनी नेटिजन मानते हैं कि मोदी विश्व शक्तियों के बीच तालमेल बना सकते हैं। चाहे अमेरिका हो या रूस अथवा दक्षिणी विश्व के देश, भारत के सभी से मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। लेख इस निष्कर्ष के साथ समाप्त होता है कि अगर सीमा विवाद को छोड़ दिया जाए तो चीनियों का भारत के प्रति कोई द्वेष नहीं है।

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