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दिग्गज कारोबारी विवेक सहगल ने अपनी कंपनी का नाम 'मदरसन' क्यों रखा?

जाने-माने अरबपति कारोबारी विवेक चंद सहगल की ऑस्ट्रेलिया में सबसे अमीर भारतीय के रूप में गिनती होती है। वह आज संपत्ति के मामले में दुनिया में 740 वें स्थान पर हैं। 2021 में उन्हें फोर्ब्स पत्रिका द्वारा भारत की सबसे अमीर शख्सियत की सूची में 49 वें स्थान पर रखा गया था।

विवेक चंद सहगल (बाएं से पहले) मदरसन समूह के चेयरमैन और सह-संस्थापक हैं। @AmbAckermann

जाने-माने अरबपति कारोबारी विवेक चंद सहगल का आपने नाम जरूर सुना होगा। वह न केवल भारत , बल्कि ऑस्ट्रेलिया में भी एक जाना पहचाना चेहरा हैं। उनका करीब 86,180 करोड़ रुपये का कारोबारी साम्राज्य है। ऑस्ट्रेलिया में सबसे अमीर भारतीय के रूप में उनकी गिनती होती है। वह 10.5 अरब डॉलर (राजस्व) के मदरसन समूह के चेयरमैन और सह-संस्थापक हैं।

उन्होंने 1975 में अपनी दिवंगत मां स्वर्ण लता सहगल के साथ एक चांदी के व्यापार संगठन के रूप में कंपनी की स्थापना की थी। इसलिए कंपनी का नाम मदरसन पड़ा। वह ऑटो पार्ट्स निर्माता और मदरसन समूह का हिस्सा संवर्धन मदरसन ग्रुप के प्रमुख भी हैं।

फोर्ब्स के अनुसार सहगल के पास 15 जुलाई 2023 तक 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर (32830 करोड़ रुपये) की कुल संपत्ति है। वह आज संपत्ति के मामले में दुनिया में 740 वें स्थान पर हैं। 2021 में उन्हें फोर्ब्स पत्रिका द्वारा भारत की सबसे अमीर शख्सियत की सूची में 49 वें स्थान पर रखा गया था।

उनकी संपत्ति का मुख्य स्रोत ऑटो पार्ट्स फ्लैगशिप संवर्धन मदरसन इंटरनेशनल है, जिसे पहले मदरसन सूमी के नाम से जाना जाता था। उनके के दो बच्चे हैं। उनके बेटे लक्ष्य वामन सहगल संवर्धन मदरसन इंटरनेशनल और मदरसन सूमी वायरिंग इंडिया दोनों के बोर्ड में निदेशक हैं।

विवेक सहगल के पास ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की है। 2016 में सहगल को ईवाई एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया था। उन्होंने सुमितोमो वायरिंग सिस्टम और मदरसन ग्रुप के बीच एक संयुक्त उद्यम मदरसन सूमी वायरिंग इंडिया की भी स्थापना की, जो भारतीय वायरिंग हार्नेस उद्योग में एक लीडर है। समूह के ग्राहकों में बीएमडब्ल्यू, फोर्ड, मर्सिडीज, टोयोटा और वोक्सवैगन शामिल हैं।

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