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विपरित हालात के एक आइडिया ने बदल दी 13 साल के तिलक की दुनिया

मुंबई के रहने वाले तिलक मेहता कुछ आम बच्चों से कुछ अलग हटकर थे। 13 साल की उम्र में उन्होंने अपनी खुद की कंपनी शुरू की। पेपर एन पार्सल्स के फाउंडर तिलक मेहता आज भारत के सबसे कम उम्र के कारोबारियों में से एक हैं।अब उनकी मासिक आय 2 करोड़ रुपये है।

तिलक मेहता आज भारत के सबसे कम उम्र के कारोबारियों में से एक हैं। फोटो : @tilakmehta_

आप 13 साल की उम्र में क्या कर रहे थे? अगर ये सवाल कोई करे तो हम में से ज्यादातर का यही जवाब होगा कि या तो अपनी पढ़ाई में लगे हुए थे या मैदान में अपने दोस्तों के साथ खेल रहे थे, या गप्पे हांक रहे थे। दरअसल, उम्र के उस दौर में ज्यादातर लोग करियर बनाने और पैसा कमाने की बातों से बिल्कुल अनजान ही होते हैं। लेकिन मुंबई के रहने वाले तिलक मेहता कुछ अलग हटकर थे। 5 साल पहले जब तिलक 13 साल की उम्र के थे तो उन्होंने अपनी खुद की कंपनी शुरू की। पेपर एन पार्सल्स के फाउंडर तिलक मेहता आज भारत के सबसे कम उम्र के कारोबारियों में से एक हैं।

दरअसल, इसके पीछे भी एक कहानी है। तिलक जब 13 साल की उम्र के थे तो एक बार वह अपने चाचा के घर गए थे। वहां से लौटने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि उन्होंने अपनी किताबें अपने चाचा के यहां ही छोड़ दी हैं। कुछ दिनों बाद स्कूल की परीक्षा होने वाली थी। तैयारी के लिए उन्हें तुरंत किताबों की आवश्यकता थी। दुविधा में फंसकर उन्होंने पार्सल की उसी दिन डिलीवरी के लिए विभिन्न एजेंसियों का दरवाजा खटखटाया। लेकिन ये सेवाएं या तो बहुत महंगी थीं या उसी दिन डिलीवरी उपलब्ध नहीं थी।

कोई आम लड़का तिलक की जगह होता तो नाराज होता, थोड़ा झुंझलाता और खुद को कोसता भी। लेकिन यहीं से तिलक के मन में जो आइडिया आया उसने उसे आज सफलता के इस मुकाम पर खड़ा कर दिया है। उस घटना ने उन्हें उन संभावित तरीकों के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया, जिनके पास कोई अन्य साधन नहीं है, आपात स्थिति में जल्द से जल्द अपना पार्सल कोई कैसे हासिल कर सकता है। इन सवालों के जवाब की तलाश में उन्हें एक कंपनी शुरू करने का आइडिया आया। एक ऐसी कंपनी जो उसी दिन शहर के भीतर डिलीवरी सेवाएं प्रदान करती है। और इस तरह उन्होंने अपनी कंपनी 'पेपर एंड पार्सल' की स्थापना की।

उन्होंने कारोबार में लगने वाली लागत और इसके असर के बारे में सोचना शुरू किया। इसके बाद तिलक ने मुंबई के डब्बावालों से प्रेरणा ली, जो कम लागत पर उपलब्ध सबसे तेजी से भोजन वितरण करने की एक शानदार व्यवस्था है। अपने पिता से थोड़ी आर्थिक सहायता के साथ तिलक ने डब्बावालों का उपयोग अपेक्षाकृत कम लागत पर शहर के भीतर पार्सल पहुंचाने के लिए किया।

इसके बाद तिलक ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शुरू किया जो 2018 से व्यवसायों को उनकी शिपिंग और रसद जरूरतों के साथ मदद करता है। निरंतर और समर्पित प्रयासों के साथ वह कंपनी को उत्कृष्ट ऊंचाई पर ले जाने में सक्षम रहे। आज तिलक की कंपनी 100 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करती है। तिलक मेहता की अनुमानित कुल संपत्ति 2021 तक 65 करोड़ रुपये थी, जिससे उनकी मासिक आय 2 करोड़ रुपये है।  

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