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DCCC अध्यक्ष पद की दौड़ जीत पाएंगे भारतवंशी अमी बेरा? उखाड़े जा रहे गड़े मुर्दे

अमी बेरा पेशे से फिजिशियन हैं और हाउस में सैक्रामेंटो के इलाकों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस चुनाव में उनका मुकाबला अपने कैलिफोर्निया के साथी प्रतिनिधि टोनी कार्डेनास से है। दोनों ने ही एक दूसरे पर कई आरोप लगाए हैं। अमी बेरा आरोपों के बावजूद पूरे दमखम से ताल ठोक रहे हैं।

कैलिफोर्निया जिले के भारतीय-अमेरिकी कांग्रेस सदस्य अमी बेरा ताकतवर डेमोक्रेटिक कांग्रेशनल कैंपेन कमेटी (DCCC) के अध्यक्ष पद के लिए चुनावी जंग लड़ रहे हैं। लेकिन इसके साथ ही उनके पिछले अभियानों में हुई गलतियां भी एक बार फिर से सामने आ रही हैं। हालांकि इसके बावजूद अमी बेरा इस कमेटी की अध्यक्षता पाने के लिए पूरे दमखम से ताल ठोक रहे हैं।

पेशे से फिजिशियन बेरा हैं और हाउस में सैक्रामेंटो के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

अमी बेरा पेशे से फिजिशियन हैं और हाउस में सैक्रामेंटो के इलाकों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस चुनाव में उनका मुकाबला अपने कैलिफोर्निया के साथी प्रतिनिधि टोनी कार्डेनास से है। दोनों ने ही एक दूसरे पर कई आरोप लगाए हैं। हालांकि नए हाउस माइनॉरिटी लीडर हकीम जेफ्रीस इस पद पर कांग्रेस के एक डेमोक्रेटिक सदस्य को नियुक्त करने की योजना बता चुके हैं।

बेरा ने 14 नवंबर को साथियों को पत्र लिखकर डीसीसीसी के अध्यक्ष पद की अपनी उम्मीदवारी का ऐलान किया था।

जेफ्रीस ने सार्वजनिक तौर पर अभी यह नहीं कहा है कि वह इस पद के लिए किसका चयन करेंगे। यह पद बीती आठ नवंबर को खाली हुआ था जब इस समिति के अध्यक्ष शॉन पैट्रिक मैलनी रिपब्लिकन माइक लॉलर से अपनी सीट हार गए थे। मैलनी ऐसे पहले डीसीसीसी अध्यक्ष थे जो 40 से अधिक वर्षों में पहली बार अपनी सीट हारे हैं।

बेरा ने 14 नवंबर को साथियों को पत्र लिखकर डीसीसीसी अध्यक्ष पद की अपनी उम्मीदवारी का ऐलान किया था। पत्र में बेरा ने लिखा था कि अभी नतीजे पूरी तरह नहीं आए हैं लेकिन ये स्पष्ट है कि अमेरिकी जनता हमारे 'परिवार प्रथम' एजेंडा में विश्वास करती हैं जिसे हमने 117वीं कांग्रेस में तैयार किया था।

अपने पत्र में उन्होंने रिपब्लिकन को सीधे निशाने पर लिया था। उन्होंने लिखा था कि परिवारों को प्राथमिकता देने के बजाय हाउस रिपब्लिकन अगले दो साल के समय का इस्तेमाल सोशल सिक्योरिटी एंड मेडिकेयर को कम करने, महिलाओं के रिप्रोडक्टिव अधिकारों को छीनने और भेदभावपूर्ण राजनीतिक मामलों की जांच शुरू करने के लिए करना चाहते हैं।

वाशिंगटन जिले से प्रतिनिधि किम श्रियर ने एक बयान जारी करके बेरा की उम्मीदवारी का समर्थन किया है। लेकिन इसके साथ ही अमी के पिछले अभियानों में कथित वित्तीय गड़बड़ियों की जानकारियां भी सामने आने लगी हैं। साल 2016 में बेरा के पिता बाबूलाल बेरा को 12 महीने के लिए फेडरल जेल की सजा हुई थी। उस समय बाबूलाल की उम्र 84 साल थी।

बाबूलाल बेरा को यह सजा अपने बेटे के अभियानों में अत्यधिक योगदान देने और साल 2010 व 2012 के अभियानों में स्ट्रॉ डोनर्स के जरिए योगदान के लिए हुई थी। स्ट्रॉ डोनर्स उन लोगों को कहते हैं जो किसी और व्यक्ति के पैसे का इस्तेमाल अपने नाम से चुनाव में योगदान के लिए करता है।

पहले अमी बेरा की पत्नी कांता को भी आरोपित किया गया था लेकिन बाद में उन पर लगाए गए आरोप खारिज हो गए थे। अमी बेरा 2013 में कांग्रेस सदस्य बनने से पहले कैलिफोर्निया में सैक्रामेंटो काउंटी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी थे। वह सबसे लंबे समय तक कांग्रेस के सदस्य रहने वाले भारतीय-अमेरिकी हैं।

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