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कूनो नेशनल पार्क इसलिए बन गया देसी-विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद

कूनो नेशनल पार्क को साल 2018 में देश के नेशनल पार्क की सूची में शामिल किया गया था। वाइल्ड सैंक्चुरी के तौर पर कूनो की स्थापना साल 1981 में की गई थी। यह मध्य प्रदेश राज्य के शिवपुर और मुरैना जिलों तक फैला हुआ है।

फोटो @KunoNationalPrk

अफ्रीकी देश नामीबिया से चीतों को लाने के बाद भारत का कूनो नेशनल पार्क पर्यटकों की पहली पसंद बन गया है। प्रोजेक्ट चीता के तहत यहां लाए गए आठ अफ्रीकी चीतों की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह काफी चर्चित हो गया है। यह नेशनल पार्क भारत के मध्‍यप्रदेश में स्थित है। आप यहां जंगल का अनुभव लेने के साथ ही कई जानवरों को भी देख सकते हैं। जिनमें अब ये विदेशी चीते भी शामिल हो गए हैं।

पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र

कूनो नेशनल पार्क को साल 2018 में देश के नेशनल पार्क की सूची में शामिल किया गया था। वाइल्ड सैंक्चुरी के तौर पर कूनो की स्थापना साल 1981 में की गई थी। यह मध्य प्रदेश राज्य के शिवपुर और मुरैना जिलों तक फैला हुआ है। साल 2009 में यहां चीतों के पुनर्वास के लिए संभावित स्थल के तौर पर प्रस्तावित किया गया था। पिछले साल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर 17 सितंबर को यहां नामीबिया से नर-मादा चीते लाए गए। यह देश का पहला चीता अभयारण्य है। तब से यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है।

पीएम मोदी जब इस पार्क में आए थे तो उन्होंने यहां के स्टाफ से मिलकर उन्हें शुभकामनाएं दी थीं। फोटो: @KunoNationalPrk

प्रकृति प्रेमियों के लिए एक शानदार जगह

कूनो नेशनल पार्क वन्यजीव उत्साही और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक शानदार दर्शनीय स्थल है। यह पार्क अक्टूबर से जून तक आगंतुकों के लिए खुला रहता है। हालांकि अक्टूबर से फरवरी यहां आने का सबसे अच्छा समय है। यहां आप पार्क के वन्यजीवों को करीब से देख सकते हैं। पेड़ों के बारे में भी जानकारी ले सकते हैं। इसमें करधई, गुर्जन, खैर और कहुआ जैसे पेड़ों की प्रजातियां शामिल हैं। नीलगाय, सांभर, चित्तीदार हिरण, काला हिरण और चिंकारा जैसे शाकाहारी जानवर झुंड में घूमते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं। पार्क में पर्यटकों के लिए कई आवास भी हैं, जिनमें गेस्टहाउस और टेंट शामिल हैं। यह पार्क लगभग 900 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां कूनो नदी बहती है। इसी वजह से इस क्षेत्र का नाम कूनो पड़ा है।

पार्क के प्राकृतिक दृश्य मन मोह लेते हैं। फोटो: @KunoNationalPrk

जीप सफारी का आनंद ले सकते हैं

अगर आपको यहां जंगली जानवरों को देखने का शौक है तो कई प्रकार की जंगल सफारी के विकल्प मौजूद हैं। कुनो नेशनल पार्क आगंतुकों के लिए 1 अक्टूबर, 2022 से खुला है। फिलहाल यहां सिर्फ जीप सफारी ही उपलब्ध है। चीता सफारी अभी तक शुरू नहीं किया गया है, हालांकि इसे फरवरी 2023 से शुरू करने का प्रस्ताव था। सफारी बुकिंग स्लॉट की उपलब्धता पर निर्भर करती है और पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर की जाती है।

सफारी का समय
समय      1 अक्टूबर- 31 दिसंबर       1 जनवरी-31 मार्च        1अप्रैल-30 जून
सुबह         6:00 से 11:30 बजे              6:30 से 11:30 बजे         5:30 से 11:30 बजे
शाम          3 से शाम 6 बजे                    3 से शाम 5:30 बजे         4 से शाम 7 बजे तक

कैसे पहुंचे :
फ्लाइट से : कुनो पहुंचने के लिए करीबी एयरपोर्ट ग्वालियर एयरपोर्ट है, जो यहां से 207 किमी की दूरी पर है। यह एयरपोर्ट भारत के सभी बड़े शहरों से अच्छी तरह से कनेक्‍ट है। आप इंदौर या भोपाल के लिए भी उड़ान ले सकते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं।

ट्रेन से : राष्ट्रीय उद्यान का निकटतम रेलवे स्टेशन शिवपुरी है, जो लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शिवपुरी और नई दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन के बीच रोजाना ट्रेनें चलती हैं।

सड़क मार्ग से : ग्वालियर से आप कार किराए पर ले सकते हैं। ग्वालियर से नियमित अंतराल पर कई बसें भी चलती हैं। आप शिवपुरी से भी कैब किराए पर लेकर पहुंच सकते हैं।

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