भारत के केरल राज्य में सामाजिक विज्ञान के एक सेवानिवृत्त शिक्षक ने एक अनोखा मंदिर बनाया है जहां किसी भगवान की नहीं बल्कि देश के संविधान की पूजा की जाती है। 71 वर्षीय शिवदासन पिल्लै ने राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम में यह मंदिर बनाया है जहां मुख्य देवता के तौर पर संविधान है।
अन्य हिंदू मंदिरों की तरह ही यहां अखंड ज्योति जलती रहती है जो यहां की दिव्यता को और बढ़ाती है। यह समाचार इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐसे समय में सामने आया है जब केरल के संस्कृति मंत्री साजी चेरियन को हाल ही में अपने पद से हाथ धोना पड़ा। उनके खिलाफ कथित तौर पर संविधान का अपमान करने के लिए यह कार्रवाई की गई है।