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जापान का 'तलाक' मंदिर जो महिलाओं को दिलाता था सुरक्षा और संरक्षण

यह ऐतिहासिक बौद्ध मंदिर उस समय से है जब महिलाओं के पास कोई अधिकार नहीं थे। जापान में तलाक के लिए कोई प्रावधान भी थे। उस युग के दौरान अपने पतियों से अपमानित हुई महिलाएं इस मंदिर में शरण लेती थीं। मंदिर की स्थापना 1285 में बौद्ध नन काकुसन शिदो-नी ने की थी।

Photo : www.japan-guide.com

जापान का 'डायवोर्स (तलाक) मंदिर'। नाम अजीब लग सकता है लेकिन इस मंदिर की स्थापना के पीछे के इरादे गलत नहीं थे। यह मंदिर लगभग 600 साल पहले बनाया गया था। जापान के कानागावा प्रांत के कामकुरा शहर में बने इस मंदिर का जापानी नाम मात्सुगाओका टोकेई-जी है। यह मंदिर बुरे वक्त में महिलाओं का घर था। दुख की घड़ी में इस मंदिर ने पीड़ित महिलाओं का खूब साथ दिया था।

क्या कहता है इस मंदिर का इतिहास?

यह ऐतिहासिक बौद्ध मंदिर उस समय से है, जब महिलाओं के पास कोई अधिकार नहीं थे। जापान में तलाक के लिए कोई प्रावधान भी नहीं थे। उस युग के दौरान अपने पतियों से अपमानित हुई महिलाएं इस मंदिर में शरण लेती थीं। मंदिर की स्थापना वर्ष 1285 में बौद्ध नन काकुसन शिदो-नी ने की थी। उस समय 1185 और 1333 के बीच जापान में महिलाओं के पास सीमित कानूनी अधिकार और कई सामाजिक प्रतिबंध थे। शादी से नाखुश महिलाएं मंदिर में आकर ठहरती थीं।

एक वक्त यहां से महिलाओं को आधिकारिक तलाक प्रमाणपत्र भी मिलने लगा था। Photo : www.japan-guide.com

जापान के कानागावा प्रांत के कामकुरा शहर का यह मंदिर ऐसी महिलाओं से भरा हुआ था, जो घरेलू हिंसा का शिकार हुआ करती थीं। एक वक्त ऐसा आया जब रिश्तों में अपमान महसूस करने वाली और आजादी पाने की चाह रखनी वाली पीड़ित महिलाओं के लिए यह एक सुरक्षित ठिकाना बन गया।

कुछ समय बाद इस मंदिर ने संस्था का रूप ले लिया। इसके बाद यहां से महिलाओं को आधिकारिक तलाक प्रमाणपत्र भी मिलना शुरू हो गया। इस प्रमाणपत्र ने उन्हें उनके विवाह से कानूनी स्वतंत्रता प्रदान की। तीन साल तक मंदिर में रहकर ही आधिकारिक तलाक लिया जा सकता था।

मंदिर के निस्वार्थ और करुणामय मिशन के बावजूद लोगों ने मंदिर को अपमानित भी करने की कोशिश की। कुछ ने इसे रिश्ते को तोड़ने का मंदिर, भगोड़ी महिलाओं का मंदिर और तलाक मंदिर भी कहना शुरू कर दिया।

हालांकि आप मंदिर के परिवेश, सुंदर उद्यानों और इसकी अच्छी तरह से संरक्षित वास्तुकला के प्यार में पड़ जाएंगे। मंदिर वर्तमान समय में तलाक से संबंधित किसी भी मुद्दे पर काम नहीं करता है। यह बीते युग से महिलाओं की दयनीय स्थिति का एक सुंदर अनुस्मारक है। आज मंदिर जापानी इतिहास में महिलाओं के लिए सशक्तिकरण और स्वतंत्रता के एक महत्वपूर्ण प्रतीक के रूप में खड़ा है।

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