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इस शाही जोड़े ने 1880 में ली थी भारत की पहली सेल्फी

इस तस्वीर के बारे में माना जाता है कि इसे 1880 के आसपास खींचा गया था। तस्वीर में महाराजा और महारानी को साथ बैठे हुए देखा जा सकता है। गौर से देखने पर पता चलता है कि महाराजा के बाएं हाथ में एक लीवरनुमा उपकरण है। उन्होंने यह सेल्फी खींचने के लिए इसी का इस्तेमाल किया था।

Photo by Daniel Lincoln / Unsplash

आज के समय में आपको हर जगह लोग अपना फोन उठाए हुए उसके फ्रंट कैमरा से अपनी फोटो या सेल्फी खींचते हुए मिल जाएंगे। अब जिसके पास स्मार्टफोन है वह सेल्फी ले रहा है। सेल्फी शब्द पूरी दुनिया में कितना लोकप्रिय हुआ इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि साल 2013 में ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने इसे 'वर्ड ऑफ द इयर' घोषित किया था। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि सेल्फी का इतिहास कितना पुराना है?

इस तस्वीर के बारे में माना जाता है कि इसे 1880 के आसपास खींचा गया था। 

लेकिन अगर आप समझते हैं कि अपनी फोटो लेने का यह तरीका आधुनिक दुनिया की देन है तो आप गलत हैं। भारतीय शाही परिवार लंबे समय से ऐसा करते आ रहे थे। 19वीं शताब्दी में महाराजा बीर चंद्र माणिक्य और उनकी पत्नी महारानी खुमान चानू मनमोहिनी देवी थीं। यह शाही जोड़ा कला और फोटोग्राफी में बहुत रुचि रखता था।

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