ऑस्ट्रेलिया में पूर्व विदेश मंत्री मारिसा पायने ने लंबी राजनीतिक पारी को विराम देते हुए 30 सितंबर को सीनेट से इस्तीफा देने का ऐलान किया है। इसके बाद माना जा रहा है कि भारतीय मूल की राजनीतिज्ञ पल्लवी सिन्हा इस पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर सकती हैं।

पल्लवी एक प्रतिष्ठित वकील और नोटरी पब्लिक हैं। उन्हें प्रतिष्ठित एएफआर और वेस्टपैक 100 प्रभावशाली महिलाओं में भी चुना जा चुका है। वह लिंग, सामाजिक एकजुटता, शिक्षा और छोटे व्यवसाय जैसे क्षेत्रों में वकालत के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं।
पल्लवी लंबे समय से लिबरल पार्टी की सदस्य रही हैं। उन्हे 2019 में एनएसडब्ल्यू संसद के उच्च सदन के चुनावों में 12वां स्थान मिला था। वह उच्च सदन के चुनाव में लिबरल पार्टी में दूसरे सबसे अधिक व्यक्तिगत वोट प्राप्त करने में सफल रही थीं।
पल्लवी के पास वरिष्ठ कार्यकारी और नेतृत्व पदों पर 20 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वह लिबरल पार्टी फ्रेंड्स ऑफ इंडिया की सह-अध्यक्ष हैं। वह पहले ऑस्ट्रेलिया इंडिया बिजनेस काउंसिल की उपाध्यक्ष भी रही हैं। उन्हें इंडो-पैसिफिक विशेषकर भारत में क्वाड भागीदारों के साथ संबंध विकसित करने का अनुभव है।
पल्लवी एक प्रसिद्ध वक्ता और टिप्पणीकार भी हैं। सैक्सटन स्पीकर्स ब्यूरो में शामिल होने के लिए आमंत्रित की जाने वाली वह पहली भारतीय ऑस्ट्रेलियाई महिला थीं। वह एनएसडब्ल्यू में हिंदू समुदाय के उन लोगों में से हैं जिन्होंने विधायी सुधार में योगदान दिया। साथ ही पवित्र स्वस्तिक को प्रदर्शित करने के हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा की।
पायने के बारे में बताएं तो वह स्कॉट मॉरिसन सरकार में महिला मंत्री रह चुकी हैं। उन्हें पहली बार 1997 में सीनेट में नियुक्त किया गया था। वह ऑस्ट्रेलिया की सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाली महिला सीनेटर रही हैं। वह देश की पहली महिला रक्षा मंत्री रही हैं। उन्होंने 2013 से 2022 के बीच गठबंधन सरकार में वरिष्ठ मंत्री पद संभाला था।