Skip to content

सिंगापुर का सबसे प्रतिष्ठित कला पुरस्कार इस भारतवंशी के नाम

मीरा चंद के बारे में बताएं तो स्विस मां और भारतीय पिता की पैदाइश मीरा की शिक्षा ब्रिटेन में हुई। हालांकि उनका लेखन करियर भारत में शुरू हुआ था, जहां वह पांच साल तक रहीं। मीरा इस अनुभव को जिंदगी बदलने वाला अनुभव बताती हैं।

भारतीय मूल की उपन्यासकार मीरा चंद (बीच में) अन्य पुरस्कार विजेताओं के साथ। फोटो फेसबुक

भारतीय मूल की उपन्यासकार मीरा चंद को सिंगापुर के सबसे प्रतिष्ठित कला पुरस्कार कल्चरल मेडलियन से सम्मानित किया गया है। मीरा 1997 में हो मिनफोंग के बाद मेडेलियन से सम्मानित होने वाली अंग्रेजी भाषा की पहली महिला लेखिका हैं।

राष्ट्रपति थर्मन षणमुगरत्नम ने मीरा और अन्य को पुरस्कार प्रदान किए। फोटो फेसबुक

कलात्मक विधाओं में उल्लेखनीय योगदान के लिए मीरा चंद को इस्ताना में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति थर्मन षणमुगरत्नम ने यह पुरस्कार प्रदान किया। इस पुरस्कार के तहत 80 हजार सिंगापुर डॉलर अनुदान के रूप में दिए जाते हैं।

यह पुरस्कार सिंगापुर के दिवंगत राष्ट्रपति और तत्कालीन संस्कृति मंत्री ओंग तेंग चेओंग की पहल पर किया गया था। इसकी स्थापना 1979 में हुई थी। तब से लेकर अब तक 135 कलाकारों को यह सांस्कृतिक पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है।

81 वर्षीय मीरा चंद के अलावा उपन्यासकार सुचेन क्रिस्टीन लिम और मलय नृत्य कलाकार उस्मान अब्दुल हामिद को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

राष्ट्रपति षणमुगरत्नम ने एक बयान में कहा कि तीनों सांस्कृतिक पदक विजेताओं को जीवन के माध्यम से उनकी खोजों और अन्य कलाकारों को प्रेरित करने के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया है।

मीरा चंद के बारे में बताएं तो स्विस मां और भारतीय पिता की पैदाइश मीरा की शिक्षा ब्रिटेन में हुई। हालांकि उनका लेखन करियर भारत में शुरू हुआ था, जहां वह पांच साल तक रहीं। मीरा इस अनुभव को जिंदगी बदलने वाला अनुभव बताती हैं।

उपन्यासकार के रूप में मीरा चंद को बहुसांस्कृतिक समाज के चित्रण के लिए जाना जाता है। उनकी पुस्तक ‘द पेंटेड केज’ बुकर पुरस्कार के लिए सूचीबद्ध हो चुकी है।

मीरा के अनुसार, उनके उपन्यास ‘हाउस ऑफ द सन’, ‘ए फार होराइजन’ और ‘द पिंक व्हाइट एंड ब्लू यूनिवर्स’ पर भारत में उनके प्रवास की गहरी छाप दिखती है।

Comments

Latest