एप्टियो के सह-संस्थापक और सीईओ सनी गुप्ता ने अपनी कंपनी आईबीएम को 4.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 37 हजार करोड़ रुपये) में बेच दी है। एप्टियो एक सॉफ्टवेयर प्रदाता (सास) कंपनी है। सनी गुप्ता अब फिर से आईबीएम में लौटेंगे, जहां से 1992 में उन्होंने अपना शानदार करियर शुरू किया था।
53 वर्षीय उद्यमी सनी गुप्ता सिलिकॉन वैली में चार स्टार्टअप लॉन्च कर चुके हैं। चंडीगढ़ में जन्मे सनी के पिता एक आईएएस अधिकारी थे। सनी हमेशा से उद्यमी बनना चाहते थे। वह और उनके दो भाई बहुत कम उम्र से ही अपनी खुद की कंपनियां चला रहे थे।
वर्ष 1989 में सनी गुप्ता 2,000 अमेरिकी डॉलर के साथ साउथ कैरोलिना विश्वविद्यालय में अध्ययन करने के लिए अमेरिका आए थे। सनी आंशिक छात्रवृत्ति हासिल करने में कामयाब रहे लेकिन फिर भी उन्होंने पैसे कमाने के लिए कुछ छोटे-मोटे काम भी किए। बर्तन और कपड़े धोने का काम किया।
न्यूयॉर्क टाइम्स को इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मुझे लगा था कि जैसे मुझे अमेरिका जाना चाहिए क्योंकि हर कोई कहता था कि आप शून्य से भी शुरुआत कर सकते हैं और कुछ भी बना सकते हैं। उस समय भारत ऐसा नहीं था हालांकि अब यह बहुत बदल गया है।
वर्ष 1992 में सनी गुप्ता आईबीएम में सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में शामिल हुए। कुछ वर्षों के बाद उन्होंने अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया। 1996 में सनी ने विगोर टेक्नोलॉजी नाम से अपना पहला स्टार्टअप लॉन्च किया। इसे बाद में उन्होंने 3-4 मिलियन डॉलर में रैशनल सॉफ्टवेयर को बेच दिया।
सनी गुप्ता के दूसरे स्टार्टअप का नाम परफॉर्मेंट था। इस कंपनी का अधिग्रहण मर्करी नामक सॉफ्टवेयर कंपनी ने किया था। सनी ने 2005 में अपना तीसरा स्टार्टअप iConclude लॉन्च किया। 2007 में इसे Opsware को बेच दिया।
iConclude बेचने के बाद गुप्ता ने कर्ट शिनटाफ़र के साथ मिलकर Apptio लॉन्च किया। Apptio के भारत सहित वैश्विक स्तर पर 1,400 से अधिक कर्मचारी हैं। अब इसे उन्होंने आईबीएम को बेच दिया है।
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