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भारतवंशी चेतना मारू का उपन्यास बुकर पुरस्कार से बस एक कदम दूर

चेतना मारू का उपन्यास ब्रिटिश गुजराती परिवेश पर आधारित है। यह 11 वर्षीय गोपी नाम की लड़की और उसके परिवार के साथ उसके संबंधों की कहानी है। इसमें स्क्वैश के खेल के इस्तेमाल होने वाले रूपकों का इस्तेमाल जटिल मानवीय भावनाओं को व्यक्त करने के लिए किया गया है।

चेतना मारू। फोटो साभार सोशल मीडिया

भारतीय मूल की लेखिका चेतना मारू के पहले ही उपन्यास वेस्टर्न लेन को साल 2023 के बुकर पुरस्कार के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है। केन्या में जन्मी और लंदन में रहने वाली चेतना मारू के इस उपन्यास की बुकर के जजों ने भी प्रशंसा की है।

यह उपन्यास ब्रिटिश गुजराती परिवेश पर आधारित है। यह 11 वर्षीय गोपी नाम की लड़की और उसके परिवार के साथ उसके संबंधों की कहानी है। इसमें स्क्वैश के खेल के इस्तेमाल होने वाले रूपकों का इस्तेमाल जटिल मानवीय भावनाओं को व्यक्त करने के लिए किया गया है।

बुकर पुरस्कार 2023 के निर्णायक मंडल की अध्यक्ष कनाडाई उपन्यासकार ईसी एडुग्यान ने शॉर्टलिस्ट की गई कृतियों की घोषणा करते हुए चेतना के उपन्यास की तारीफ की। उन्होंने कहा कि चेतना ने दुख से जूझते परिवार की गहरी विचारोत्तेजक भावनाओं को साफ सुथरे तरीके से जिस बेहतरीन तरीके से व्यक्त किया है, वह हैरान करने वाला है।

बुकर पुरस्कार के लिए शॉर्टलिस्ट की गई अन्य पांच किताबों में सारा बर्नस्टीन की 'स्टडी फॉर ओबिडियंस', जोनाथन एस्कॉफरी की 'इफ आई सर्वाइव यू', पॉल हार्डिंग की 'द अदर ईडन', पॉल लिंच की 'प्रॉफेट सॉन्ग' और पॉल मरे की 'द बी स्टिंग' हैं।

पुरस्कार का ऐलान 26 नवंबर को लंदन में एक समारोह में किया जाएगा। इस पुरस्कार में 50,000 पाउंड की राशि प्रदान की जाती है। जजों ने पिछले साल अक्टूबर से लेकर इस साल सितंबर के बीच प्रकाशित 163 पुस्तकों में से पहले 13 पुस्तकों को लॉन्गलिस्ट में चुना था। अब इन 13 में से छह को शॉर्टलिस्ट किया गया है।

चेतना मारू के बारे में बताएं तो उनकी कहानियां कई संकलनों में छप चुकी हैं। पेरिस रिव्यू, द स्टिंगिंग फ्लाई और डबलिन रिव्यू में भी प्रकाशित हुई हैं। उन्‍हें फिक्शन के लिए 2022 का प्लिम्प्टन पुरस्कार मिल चुका है। पूर्णकालिक लेखिका बनने से पहले मारू ने एकाउंटेंट के रूप में काम किया था।

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