भारत के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा को ऑस्ट्रेलिया सरकार ने विशेष सम्मान से नवाजा है। देश के गवर्नर जनरल ने टाटा समूह को ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले रतन टाटा को ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया में ऑनरेरी ऑफिसर नियुक्त करने का ऐलान किया है। उन्हें यह सम्मान भारत-ऑस्ट्रेलिया के संबंधों खासकर व्यापार, निवेश और परोपकार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया है।
भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओ'फेरेल ने शुक्रवार को ट्विटर पर यह जानकारी दी। ऑस्ट्रेलिया सरकार की तरफ से जारी गजट में बताया गया है कि गवर्नर जनरल को यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि रतन टाटा को ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया के जनरल डिवीजन में ऑनरेरी ऑफिसर (AO) के रूप में नियुक्त किया गया है।
बता दें कि ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया शिष्टता का एक विशिष्ट सम्मान है। इसकी स्थापना साल 1975 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा की गई थी। ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों और अन्य व्यक्तियों को उनकी उपलब्धियों और सराहनीय सेवाओं के लिए प्रदान किया जाता है। यह ऑस्ट्रेलिया के सबसे ऊंचे सिविल सम्मानों में से एक है।
रतन टाटा भारत के सबसे बड़े व्यापारिक घरानों में से एक टाटा संस के मानद अध्यक्ष और टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष हैं। वह दुनिया के सबसे मशहूर परोपकारियों में से एक हैं। वैसे तो रतन टाटा ने टाटा ग्रुप की सभी जिम्मेदारियों से अवकाश ले लिया है लेकिन टाटा ट्रस्ट के कामों से वह अब तक जुड़े हुए हैं। यह ट्रस्ट हेल्थकेयर, न्यूट्रीशन, एजकेशन, सोशल जस्टिस, पर्यावरण, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, स्किल डेवलपमेंट जैसे कई सेक्टरों में काम करता है। टाटा ग्रुप इसके अलावा कई अन्य ट्रस्ट भी चलाता है।
रतन टाटा का ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वह पिछले साल भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच फाइनल हुए आर्थिक सहयोग व व्यापार समझौते के भी समर्थक रहे हैं। टाटा का परिवारिक ट्रस्ट बहुत से भारतीय छात्रों को ऑस्ट्रेलिया में अध्ययन करने के लिए छात्रवृत्ति भी उपलब्ध कराता है। टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ऑस्ट्रेलिया में ऐसी इकलौती भारतीय कंपनी है, जहां सबसे ज्यादा ऑस्ट्रेलियाई काम करते हैं।